18 जुलाई 2013

‘‘खिचड़िया माल’’ के नाम से मिलता है मिड डे का नकली और सस्ता सामान।

‘‘खिचड़िया माल दिजिए’’ किराना दुकान में यदि ऐसे वाक्य सुनने को मिले तो कोई भी समझ जाता है कि यह मिड डे मिल का सामान मांग रहा है। मिड डे मिल मंे गुरूजी की ज्यादा से ज्यादा बचाने की ललक में वह सब कुछ हो रहा है जिसके परिणामतः सारण में बीस बच्चों की जान चली गई।
किराने की दुकान में मिलने वाला खिचड़िया माल में रंग मिली हुई हल्दी तथा मिर्च की गुंडी मिलती है तो धनिया के गुंडी में घोड़े की लीद मिली होने की बात जगजाहीर है। वहीं मसूर की दाल की जगह गुरूजी खेंसारी एवं मटर की दाल का ही प्रयोग करते है। सोयाबीन भी पिल्लू युक्त और सड़ा गला रहता है जिसमें आटा की मिलावट रहती है तो सब्जी मंडी में सड़ी गली सब्जी को दुकानदार फेंकने की जगह मास्टर साहब के लिए रख देते है और ये सारा सामान पच्चास से सत्तर प्रतिशत तक सस्ता मिलता है।
मिड डे मिल में लूट खसोट और लापरवाही की पराकाष्ठा है। आयोडाइज्ड नमक को बच्चों के बुद्धी बढ़ाने वाला माना जाता है पर गुरूजी साधारण नमक ही खरीदते है। वहीं गरम मशाला, गोलकी-जीरा का महज वाउचर ही गुरूजी लेते है इसकी खरीद कभी नहीं होती। यही हाल आलू का भी है। बाजार में सड़ने के कगार पर पहूंचे आलू को मास्टर साहब दुकानों से खोज कर खरीदते है।
मीड डे मिल का गोलमाल यहीं पर खत्म नहीं होती। किसी भी स्कूल में नामांकन से चालिस से पच्चास प्रतिशत से अधिक उपस्थिति नहीं होती पर मिड डे मिल के लिए रजिस्टर पर नब्बे से सौ प्रतिशत उपस्थिति बनाई जाती है। धाल मेल यह कि स्कूलों में चावल स्पलाई करने वाले ठेकेदार प्रति बोरा दस किलो चावल कम देते है वह भी घटिया भी और फाइल में यदि दस बोरा की आपुर्ति स्कूल के लिए है तो स्कूल तक पांच बोरा ही पहूंचता है बाकि का पैसा गुरूजी के पास पहूंच जाता है।
नाम नहीं छापने के शर्त पर एक शिक्षक ने बताया कि प्रति सौ बच्चा 100 से 150 रूपये का ही खर्च गिरता है जिसमें सब्जी से लेकर दाल और मशाला सब शामिल है वहीं वाउर 365 से 500 रू0 का बनता है। एक प्रभारी तो बड़ी दिलेरी से कहते है कि मिड डे मिल की वजह से वे कभी अपने वेतन के बैंक खाते की ओर नहीं देखते।
इस बंदरबांट में प्रति स्कूल से मासिक नजराना भी बंधा हुआ है इस संबंध में दुर्गा प्रसाद धर की माने तो प्रति स्कूल प्रति सौ बच्चा 500 से 800 रू0 मासिक नजराना बंधा है और इसमें नीचे से उपर तक सभी पदाधिकारी पैसा खाते है।
वहीं रालोसपा के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवकुमार ने कहा कि इस मिड डे मिल योजना मास्टर और पदाधिकारियों के लूटने के लिए चालाई जा रही है और सारण की घटना पर सीएम को माफी मांगनी चाहिए।
बहरहाल इस पूरी व्यवस्था को बिना बदले मिड डे मिल में सुधार की उम्मीद नहीं की जा सकती और पूरी व्यवस्था में बदलाव की इच्छा शक्ती शायद ही हममें है।

आंकड़े
शुद्ध सामान की कीमत/किलो खिचड़िया माल की कीमत/किलो
मसूर दाल 56-60 खेंसारी दाल 26-30
हल्दी गुंडी 110-120              रंग युक्त 55-65
मिर्च गुंडी 110-120            रंग युक्त 55-65
धनिया गुंडी 80-90 मिलावटी 30-40
सोयाबीन बरी 65-75 मिलावटी 45-50
आयोडीन युक्त नमक 16 साधारण नमक 05
करूआ तेल 95-100 मिलावटी 70-75
हरा सब्जी 15-20        सड़ी गली 05-08


17 जुलाई 2013

बाबा रामदेव के चेले की काली करतूत

बाबा रामदेव के चेले की काली करतूत अभी अभी सामने आई है। बिहार के शेखपुरा जिले के बरबीघा बाजार में किराना की दुकान चलाने वाले एक चेले ने लोगों से नौकरी लगाने के नाम पर लाखों की ठगी की है। खबर है कि ठगी के शिकार हुए लोग रोज उनके दुकान और घर पर जाकर हंगामा कर रहे है। वहीं उनके द्वारा एनआईओएस में परीक्षा पास कराने के नाम पर भी दस दस हजार की बसूली की गई है।
समारोहों से लेकर चाय दुकान तक साहब भ्रष्टाचार को लेकर इतना लंबा फेंकते है कि एकबारगी लगता है गांधी जी भूत इनमें ही समा गया हो....जनाब ने दिल्ली तक जाकर बाबा जी के आंदोलन में भी हिस्सा लिया है।
अब इनके सहारे बाबा जी देश से भ्रष्टाचार मिटाने की बात करते है तो परिणाम क्या होगा समझा जा सकता है।

11 जुलाई 2013

मां बाप पर बोझ है बेटी! राजस्थान से आकर नवालिग से शादी रचा रहा युवक गिरफ्तार।



‘‘बियाह नै करे ले चाहो हियै सर? आज भोरे पता लगलै की बियाह होतै। केकरा से बियाह हो रहलै हैं हमरा नै पता है?’’ यह कहना है रिंपल की। आजादी के इतने सालों बाद और मानव विकास तथा नारी सशक्तीकरण के दावों के बीच रिंपल एक यथार्थ है हमारे समाज और उसके पिछड़ेपन की।
रिंपल शेखोपुरसराय थाना के जीयनबीघा गांव की रहने वाली है और तीन साल पहले ही उसने पांचवी तक पढ़ाई करने के बाद स्कूल जाना छोड़ दिया। रिंपल की उम्र अभी मुश्किल से तेरह साल होगी और आज रिंपल की शादी होने वाली थी वह भी राजस्थान के चालिस वर्षिय युवक के साथ पर एसपी मीनू कुमारी की पहल पर पुलिस ने शादी से पहले ही कुसेढ़ी के पंचवदन स्थान से युवक को हिरासत में ले लिया।
यह त्रासदी नहीं तो और क्या है कि रिंपल के माता पिता इस शादी में शरीक नहीं हो रहे थे और बभनबीघा निवासी उसके जीजा दिलीप राम पीला धोती पहन और हाथ-पैर रंग कर कन्यादान करने के लिए तैयार था।
यह समाज का पिछड़ापन और जगरूकता की कमी ही है कि लड़की के जीजा कहते है कि गरीब की बेटी है सर किसी तरह निवह जाना है। आलम यह है कि लड़का कहां का रहने वाला है और किस जाती का है यह भी लड़की के परिजनों को पता नहीं है पर लड़की का निवाह करना था सो शादी कर रहे थे।
पुलिस की हिरासत में लिए गए युवक ने अपना नाम महिपाल सिंह यादव बताया वहीं अपना पता राजस्थान के अलवर जिले के कोर्ट कश्मीरी बता रहा है। युवक से बरबीघा थाना के प्रभारी थानाध्यक्ष सत्येन्द्र शर्मा एवं इंस्पेक्टर अरूण शुक्ला पूछ ताछ कर रहे है जिसमें इस बिन्दू पर भी नजर रखा जा रहा है कि कहीं शादी के बहाने युवक मानव तस्करी का करोबार तो नहीं करता।
वहीं इस संबंध में थानाध्यक्ष ने बताया कि एसपी के आदेश पर लड़की का मेडिकल जांच कराया जाएगा और इसके बाद जो तथ्य सामने आएगें उसी के हिसाब से कार्यवाई की जाएगी। इस सारे घटनाक्रम को देख कर सोंच रहा हूं कि क्या मां बाप पर बेटी बोझ है! और यदि है तो इसके लिए हमहीं जिम्मेवार भी है...