tag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post701418410264235877..comments2024-03-19T21:21:13.952+05:30Comments on चौथाखंभा: सूअर के साथ-साथ आदमी की संवेदनाऐं भी मर गईArun sathihttp://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-21964069376594298412021-07-10T18:21:03.947+05:302021-07-10T18:21:03.947+05:30सही कहा जिस पुलिस के लिए आदमी की मौत संवेदना नहीं ...सही कहा जिस पुलिस के लिए आदमी की मौत संवेदना नहीं जगाती उसके लिए सूअर की मौत क्या मायने रखेगी....<br />पुलिस सही होती तो ऐसी हरकतें होती ही नहीं<br />इन घटनाओं को वही अंजाम देता है जिसकी मुठ्ठी मे पुलिस होती है...<br />बहुत ही हृदयविदारक।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-13064502865259035732021-07-09T23:16:20.425+05:302021-07-09T23:16:20.425+05:30अजीब हाल है..मार्मिक चित्रण इतनी असंवेदनशीलता!!अजीब हाल है..मार्मिक चित्रण इतनी असंवेदनशीलता!!Pammi singh'tripti'https://www.blogger.com/profile/13403306011065831642noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-89332731954194310842021-07-09T22:40:25.745+05:302021-07-09T22:40:25.745+05:30बहुत दुःख हुआ अरूण जी। इस प्रकार की घटनाएं कोई बड़...बहुत दुःख हुआ अरूण जी। इस प्रकार की घटनाएं कोई बड़ी बात नहीं पर बड़ी बात ये है कि एक गरीब परिवार के साथ ऐसा षड्यंत्र क्यों हुआ। यदि इंसानी रंजिशें थीं तो गरीब सूअर इनका शिकार कैसे बने? बहरहाल,पुलिस का ये रवैया आमजनों ,विशेषकर साधनविहीन तबके में अविश्वास और असुरक्षा की भावना जगाता है। जो भी हो सूअरों की मौत के साथ एक गरीब परिवार की अनमोल पूंजी और सपने भी मिट गए। मार्मिक चित्रण मन को उदास कर गया।रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-49916599082685808542021-07-09T20:44:48.890+05:302021-07-09T20:44:48.890+05:30ओह , इतनी धोखा धड़ी । वाकई अपने स्वार्थ के कारण सं...ओह , इतनी धोखा धड़ी । वाकई अपने स्वार्थ के कारण संवेदनाएँ बची ही नहीं है ।संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-35584078065498959902021-07-09T17:19:29.780+05:302021-07-09T17:19:29.780+05:30सच संवेदनाएं मर गई हैं सबकी मर्मस्पर्शी लेखन।सच संवेदनाएं मर गई हैं सबकी मर्मस्पर्शी लेखन।Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-4779737474677552612021-07-09T13:36:49.040+05:302021-07-09T13:36:49.040+05:30कर दिए न सु्वराईपना
भक्षक, भक्षक ही रहेगा
रक्षक नह...कर दिए न सु्वराईपना<br />भक्षक, भक्षक ही रहेगा<br />रक्षक नहीं न बन सकता..yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-81252586983815315732021-07-09T11:32:32.431+05:302021-07-09T11:32:32.431+05:30दुर्भाग्यपूर्ण. जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो इंसान ...दुर्भाग्यपूर्ण. जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो इंसान को कोई और रास्ता खोजना होगा.....Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10460939583298864281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-55619622390220834542021-07-08T22:24:06.963+05:302021-07-08T22:24:06.963+05:30दुखद है। लानत है भी कहें तो किसके लिये?दुखद है। लानत है भी कहें तो किसके लिये?सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-62267143797577637892021-07-08T20:54:35.814+05:302021-07-08T20:54:35.814+05:30जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार ९ जुलाई २०२१ के...जी नमस्ते,<br />आपकी लिखी रचना शुक्रवार ९ जुलाई २०२१ के लिए साझा की गयी है<br /><a href="http://halchalwith5links.blogspot.com/" rel="nofollow">पांच लिंकों का आनंद</a> पर...<br />आप भी सादर आमंत्रित हैं।<br />सादर<br />धन्यवाद।<br /><br /><br />Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.com