tag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post756799838055890097..comments2024-03-19T21:21:13.952+05:30Comments on चौथाखंभा: ब्लॉगिंग, फेसबुक और मठाधीश।Arun sathihttp://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-24130181433794254012012-03-20T10:51:49.709+05:302012-03-20T10:51:49.709+05:30ab kyuki vimarsh khatam hogyaa haen aap sae arun e...ab kyuki vimarsh khatam hogyaa haen aap sae arun ek link baant rahee hun daekhae jarur <br />sadar rachna <br /><br />http://mypoeticresponse.blogspot.in/2011/06/blog-post_30.htmlरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-78897449118091263132012-03-19T06:12:44.394+05:302012-03-19T06:12:44.394+05:30बहुत खूब कहा,नेकी कर कुए में डाल,सही सलाह.बहुत खूब कहा,नेकी कर कुए में डाल,सही सलाह.मन के - मनकेhttps://www.blogger.com/profile/16069507939984536132noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-78187955306278530692012-03-18T12:40:49.589+05:302012-03-18T12:40:49.589+05:30ब्लॉग यह सोच कर लिखा जाना चाहिए कि यह अपनी आत्म-सं...ब्लॉग यह सोच कर लिखा जाना चाहिए कि यह अपनी आत्म-संतुष्टी के लिए लिखा जा रहा है....पढ़ कर जरूरी नहीं कि हर कोई आप के साथ सहमत हो!...अगर आपने लिख दिया कि आसमान का रंग नीला है...तो सभी आप के साथ सहमत नहीं होंगे!...सुबह सुबह उठ कर सूर्य दर्शन करने वाले कहेंगे अरे! आसमान तो सिंदूरी रंग का होता है....दोपहर को आसमान की तरफ देखने वाले कहेंगे...आसमान का रंग तो आग की सुनहरी लपटों जैसा होता है....रात को Aruna Kapoorhttps://www.blogger.com/profile/02372110186827074269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-28482989818983762292012-03-18T09:56:40.434+05:302012-03-18T09:56:40.434+05:30Lekin mathraniyan ...... ?Lekin mathraniyan ...... ?अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-22080083955131300552012-03-18T07:36:35.754+05:302012-03-18T07:36:35.754+05:30ब्लागरी ऐसी चीज है जहाँ कोई मठाधीश नही हो सकता। मठ...ब्लागरी ऐसी चीज है जहाँ कोई मठाधीश नही हो सकता। मठ भी नहीं बन सकते।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-15364169751010036802012-03-18T07:04:50.714+05:302012-03-18T07:04:50.714+05:30बस अपने विचार बांटते रहें हम सब....... और कुछ उम्म...बस अपने विचार बांटते रहें हम सब....... और कुछ उम्मीद नहीं है ....... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-47342345050907795112012-03-17T19:54:03.135+05:302012-03-17T19:54:03.135+05:30नेकी कर...कुएं में डाल...
पोस्ट लिख...ब्लाग पर ड...नेकी कर...कुएं में डाल...<br />पोस्ट लिख...ब्लाग पर डाल...<br /><br />ये फंडा अपनाओगे तो रहोगे हमेशा ब्लागर खुशहाल...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-32879171830456030012012-03-17T19:36:43.677+05:302012-03-17T19:36:43.677+05:30शाह नवाज भाई मैं बस मन उचटने की बात कही आप सबका प्...शाह नवाज भाई मैं बस मन उचटने की बात कही आप सबका प्यार है तो छोड़ेगें क्यों...<br />जारी रखेगें..Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-80797037572896806212012-03-17T18:58:25.487+05:302012-03-17T18:58:25.487+05:30Fir Arun bhai shikayat kya is sathi se hai ?Fir Arun bhai shikayat kya is sathi se hai ?अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-15528508078543830402012-03-17T18:56:46.649+05:302012-03-17T18:56:46.649+05:30Math hi nahin mathaniyan bhi hain ?Math hi nahin mathaniyan bhi hain ?अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-79666268156273814742012-03-17T17:49:05.424+05:302012-03-17T17:49:05.424+05:30accha vichar prastut kiya hai ...
http://jadibutis...accha vichar prastut kiya hai ...<br />http://jadibutishop.blogspot.comjadibutishophttps://www.blogger.com/profile/16105129840890778367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-47815557727677986012012-03-17T17:11:30.616+05:302012-03-17T17:11:30.616+05:30भगवतीचरण वर्मा जी की पंक्तियां हैं न...
हम दीवानो...भगवतीचरण वर्मा जी की पंक्तियां हैं न...<br />हम दीवानों की क्या हस्ती,<br />आज यहाँ कल वहाँ चले<br />मस्ती का आलम साथ चला,<br />हम धूल उड़ाते जहाँ चले...<br /><br />मस्त रहें ☺Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-80313523338000850252012-03-17T16:20:32.756+05:302012-03-17T16:20:32.756+05:30अरुण भाई,
बहुत सारे मठ ढह चुकें हैं, जो बचे हैं उन...अरुण भाई,<br />बहुत सारे मठ ढह चुकें हैं, जो बचे हैं उन्हें भी एक ना एक दिन ढहना ही है... यह तो प्रकृति का नियम है कि कुछ भी अप्रकृतिक अधिक समय के लिए टिक नहीं सकता है... अगर इन लोगो के लिए लिखते हैं तो लिखने का कोई फायदा नहीं है. अगर लिखना छोड़ दोगे तो उनपर कोई फर्क नहीं पड़ेगा हाँ मेरे जैसे आपके पाठकों का अवश्य नुक्सान होगा.... और मुझे उम्मीद है कि कम से कम ऐसा तो आप कभी नहीं करना चाहेंगे...Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-62124488815913752092012-03-17T15:29:20.136+05:302012-03-17T15:29:20.136+05:30आपकी बातो से शत प्रतिशत सहमत.आपकी बातो से शत प्रतिशत सहमत.Amit Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01787361968548267283noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-25984557285143031522012-03-17T10:26:47.675+05:302012-03-17T10:26:47.675+05:30दिव्या जी, समाज की तरह यहां भी सभी प्रकार के लोग ह...दिव्या जी, समाज की तरह यहां भी सभी प्रकार के लोग है और आप सबके प्यार को पाकर ही गांव में रहते हुए पेट काट कर, क्योंकि बहुत कम कमाई कर पाता हूं जिससे घर भी बढ़िया से नहीं चलता, यहां मौजूद हूं। मेरे पास कोई बुरी लत नहीं, और मेरा मानना है जिस प्रकार लोग शराब सिगरेट पर पैसे खर्च करते है उसी प्रकार मैं इंटरनेट और पत्रकरिता पर खर्च कर संतुष्टि को पाता हूं....Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-81010483517413872312012-03-17T10:13:15.203+05:302012-03-17T10:13:15.203+05:30अरूणेश जी यह कोशिश तो करता ही रहता हूं और सबका प्...अरूणेश जी यह कोशिश तो करता ही रहता हूं और सबका प्यार भी मिला है..Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-72844067567960588262012-03-17T10:09:30.558+05:302012-03-17T10:09:30.558+05:30रचना जी आपके सारे बातों से मैं सहमत हूं, तकलीफ मुझ...रचना जी आपके सारे बातों से मैं सहमत हूं, तकलीफ मुझे कुछ भी नहीं और किसी से शिकायत भी नहीं। बल्कि लोगों ने मुझे भी सम्मान ही दिया है उतना जितने का मैं हकदार खुद को नहीं मानता पर अक्सर यह बात अखरती रहती है कि मैं या कोई और ब्लॉग के निर्मल बाबा क्यों बन जातें है...Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-31039608748366849402012-03-17T10:08:00.403+05:302012-03-17T10:08:00.403+05:30अरुण जी , इन मठाधीशों के कारण ही बहुत से लोग ब्लौ...अरुण जी , इन मठाधीशों के कारण ही बहुत से लोग ब्लौगिंग से दूर हो गए हैं। ये लोग समूह बनाकर बस एक दुसरे को ही आसमान पर बैठाते रहते हैं। दल बनाकर अच्छे लेखकों की निंदा करके उसका मनोबल तोड़ते हैं। और नाना प्रकार के आयोजन करके एक-दुसरे को आपस में ही सम्मान बांटकर तुष्टिकरण की नीति अपनाते हैं। इन मठाधीशों का पूर्णतः बहिष्कार होना चाहिए। ये ही जिम्मेदार हैं हिंदी ब्लौगिंग के पतन के लिए। आप तो अपना ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-45606459821900581872012-03-17T10:05:14.031+05:302012-03-17T10:05:14.031+05:30चिंता तो नहीं ही कर रहा पर मन के भाव को छुपा नहीं ...चिंता तो नहीं ही कर रहा पर मन के भाव को छुपा नहीं सका और जो मन को बार बार मथ रहे उसे आप सबके सामने रख दिया।Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-6915088370041700462012-03-17T09:25:14.741+05:302012-03-17T09:25:14.741+05:30देखो भाई अरूण जी ब्लाग जगत के लिये लिखते हो तो लिख...देखो भाई अरूण जी ब्लाग जगत के लिये लिखते हो तो लिखना बंद कर दो। यहा पढ़ता कोई नही या कहिये करीब करीब कोई नही। यहा कमेंट के आदान प्रदान का खेला ज्यादा है। लेखन स्वान्त सुखाय होता है और लेखनॊ अच्छी हो तो पाठक धीरे धीरे जुड़ने लगते हैं। ब्लाग जगत मे नाम पाना टेढ़ी खीर है। सालो से लिख रहे लोगो के बीच नया आदमी बमुश्किल और समय से ही पैर जमा सकता है। वैसे अपने शहर और प्रदेश के ब्लागरो से मुलाकात करते रहियेArunesh c davehttps://www.blogger.com/profile/15937198978776148264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-53085301891202638422012-03-17T09:22:26.172+05:302012-03-17T09:22:26.172+05:30अरुण
आप ब्लॉग लिखने क्यूँ आये थे ??? क्या तारीफ़ प...अरुण <br />आप ब्लॉग लिखने क्यूँ आये थे ??? क्या तारीफ़ पाने ?? या अपनी बात महज दर्ज करने ताकि लोग उसको पढ़ सके . ब्लॉग को कुछ गिने हुए हिंदी ब्लोग्गर ने सोशल नेट वर्क बनाकर अपने को " साहित्यकार " मनवाने का माध्यम बना लिया . जो शुरू में आये उन्होने है नये आने वाले का उपहास बनाया और अपने बड़ा बताया . हिंदी ब्लोगिंग महज हा हा ही ही का अड्डा बन गयी . जो इनसे जुड़े वो ब्लोगर , साहित्यकार और बड़ीरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6746500524838980169.post-15692261130600264852012-03-17T08:28:55.022+05:302012-03-17T08:28:55.022+05:30आप ब्लॉग्गिंग में बने रहें. मठों की चिंता क्यों कर...आप ब्लॉग्गिंग में बने रहें. मठों की चिंता क्यों करते हैं. आपका अपना मठ ही तो है आपका ब्लॉग.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.com