अरूण साथी
हमारी लोकप्रिय सरकार ने पेट्रोल की कीमत क्या बढ़ाई, लोग चिल्ल पों करने लगे । हद है भाई, आखिर सरकार मैडम जी चलाएगीं की चिल्ल पों करने वाले लोग संधी। अजी जब वोट देते वक्त जनता को तकलीफ नहीं होती और हमारा समर्थन करती है तो यह इस बात को साबीत करने के लिए काफी नहीं की जनता का हाथ कांग्रेस का साथ है। और फिर हो न हो चिल्लाने वाले मीडिया के पीछे आरएसएस का हाथ ही है। मैडम के दरबार में बैठकी सजी हुई है और एक गांधी टोपी पहले नेता जी ने मख्खन लगाई तो दरबार में कई लोगों ने बोलने की हिम्मत जुटा ली। हलंाकि दादा के चेहरे पर थोड़ी तल्खी थी पर वे उसे छुपाने में सफल होते हुए बोले-दीदी को क्या हो जाता है मैडम, जब-तब विपक्षी के साथ जाकर खड़ी हो जाती है। हमने तो अपने अनुभव के आधार पर ही सोंच समझ कर तेल की कीमत बढ़ाई है। मैडम आपका यह फैसला बिल्कुल जनहितकारी है। आखिर आप दूरदर्शन है। दूर तक देखकर कोई भी फैसला करतीं है। पहली बात तो यह कि संसद का सत्र खत्म हुआ और पेट्रोल की कीमत एकाएक साढ़े सात रूपये बढ़ा दी। ज्यादा चिल्लाओंगे तो एक रूपया घटा देगें। बस।
यह तो आपकी उदारता है कि अब भी डेढ़ रूपया घाटा लग रहा है पर आपने उसे सहने की हिम्मत दिखाई। मैडम जी मैं तो कहता हूं कि अपने कार्यकर्त्ताओं के नाम एक अपील जारी कर यह बात बताई जानी चाहिए कि तेल के दाम बढ़ने से जनता का कितना भला होने वाला है। सबसे पहला दुरदर्शन फैसला तो यही है कि पूरे विश्व में जहां प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है वहीं अपने देश में भी ग्लोबलवार्मिंग का मामला जोरों पर है फिर भी लोग दनादन गाड़ी पर गाड़ी खरीद रहे है। आखिर हमारी सरकार ने लोगो ंको सम्पन्न बना दिया है सो लोग बाज कहां आने वाले, इसलिए तेल के दाम बढ़ने से लोग गाड़ी खरीदना कम करेगें और इससे प्रदूषण और ग्लोबल बार्मिंग की समस्या कम होगी।
तभी दरबार के रत्न सिप्पल जी महाराज से रहा नहीं गया और उवाच दिये- मैडम, पेट्रोल की कीमत बढ़ने से सबसे बड़ा फाइदा तो आम आदमी का ही हुआ है। महानगर से लेकर गांव की सड़कों पर गाड़ियां सरपट दौड़ती रहती है और इससे एक नहीं कई परेशानी होती है। पहली परेशानी तो यह कि महानगर में रोड जाम, आम हो गया है। अब मंहगे तेल से जाम से निजात तो मिलेगी ही, दूसरा फायदा यह कि अब लोग या तो पैदल चलेगें या साइकिल से। दोनों ही हाल में उनका सेहत सुधरेगा। देश में डायबटीज की शिकायत तेजी से बढ़ रही है और जब लोग साईकिल की सवारी करेगें तो इस बिमारी में सुधार आएगा ही।
और अन्त में दरबार में कहीं से कुत्ते के भौंकने की आवाज आई और सब उसकी तरह मुखातिब हो गए। आश्चर्य कि मैडम से लेकर सभी दरबारी तक उसकी भाषा को समझ रहे थे। सो उस डॉगी ने भौंक दिया। मैडम जी यह सब आरएसएस का प्रोपगंडा है। जनता तो इससे खुश है, खुश नहीं होती तो आज सड़कों पर गाड़ियां नजर आती? और मीडिया वाले भोंपी तो आरएसएस से मिले हुए है सो आज यहां से ही अपने कार्यकर्त्ताओं के नाम उक्त आशय की अपील जारी कर दी जाए और यह फरमान कि कलेजा तान के कांग्रेसी पेट्रोल के ंदाम के बढ़ने के जनहितकारी फायदे को लोगों को बताए और देश को विकास की राह पर पैदल लेकर जाए...।
मैडम जी खामोश रही, तभी वहां युवराज ही आ गए। सभी ने एक सुर से युवराज को अभी अन्डरग्राउण्ड ही रहने की सलाह दी। मैडम ने भी कहा-यह सब बेकार की समस्या है और इस सबसे टूमको कुछ लेना डेना नहीं, साइलेंट रहो, और रूम से बाहर मट निकलो कोई मीडिया बाला पकड़ लेगा।
पर मम्मी ओबामा अंकल का कॉल आया था, पेट्रोल की कीमत बढ़ाने के लिए थैंक्स कह रहे थे, अंकल बोले-मम्मी को कहना कि मैंने भारत मंे तेल की अधिक खपत पर चिंता जताई थी और आपने समझदारी से काम ले लिया।
जाते जाते युवराज ने पूछ लिया-मम्मी यह साढ़े सात रूपया कितना होता है।
2014 में समझ आ जाएगा कि साढ़े-साती का क्या मतलब होता है
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा हा मजेदार लेख । बंधु जनता की किस्मत में यही लिखा है । दौड दौड कर वोट देते हैं । हर आदमी किसी न किसी दल का समर्थक है जबकि सभी दल एक हैं । जबतक सब दलो को दौडाना नही सिखेंगें तबतक तो झेलना हीं पडेगा ।
जवाब देंहटाएंcongress par sadhe sati chal rahi hai.
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