अरुण साथी
सर्वोत्तम प्रदेश में दुर्दांत अपराधी ने जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया। उसके मौत की दुआ सभी कर रहे थे। अचानक से उसकी हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड के बाद वार्तालाप वायरल हो गया। वार्तालाप पहले महाकाल के स्थल से शुरू होता है। यह वार्तालाप किसके साथ, किसके द्वारा, किस लिए किया गया है, यह किसी को पता नहीं।
बस इसे वायरल मानकर बिना समझे बुझे पढ़ लीजिए। समझदानी का इस्तेमाल वर्जित है।
"सर दुर्दांत दुबे पकड़ा गया है। यही टपका दें?
"क्या? नहीं, ऐसी गलती मत करो। दूसरे प्रदेश में परेशानी होगी।"
"सर, अब अपने सर्वोत्तम प्रदेश हम लोग पहुंच रहे हैं। सर्वोत्तम काम को अंजाम देना होगा।"
"हां, इसके बिना कोई उपाय भी नहीं है! बाकी व्यवस्था से हम लोग तो परिचित ही हैं। गिरफ्तारी के बाद यह छूट कर आ जाएगा। इसमें कोई शक नहीं है। हम में से कोई इसकी मदद कर देगा। जैसे छापेमारी में हुआ।"
"कोई नेता जी इसके संरक्षण में आगे आ जाएंगे और न्याय व्यवस्था का सच भला हम लोगों से ज्यादा कौन जानता है। वहां क्या होता है। कैसे होता है। कब होता है। किस लिए होता है। किसके द्वारा होता है। यह हम लोग तो जानते ही हैं। इसलिए यह खतरा हम लोग नहीं ले सकते। हमारे साथी शहीद हुए हैं। शुभ काम को कर ही देना चाहिए।"
"सर, कुछ मीडिया वाले पीछे लगे हुए हैं। उससे छुटकारा जरूरी है।"
"अच्छा!! ठीक है!! लोकल थाना को बोल देते हैं! वहां चेकिंग के नाम पर बैरिकेडिंग करके उसको रोक लिया जाएगा!! इन लोगों की क्या औकात है!! हम लोगों के सामने!! अभी सबक सिखाते हैं!!"
"सर, कौन सा फार्मूला अपनाया जाए?
"अरे, बकलोल हो क्या? सिंघम टाइप के कई सिनेमा का स्टोरी देख लो। उसी में से कुछ निकल जाएगा।"
"हां सर, याद आया। एक्सीडेंट गाड़ी का करवा देते हैं। परंतु उसमें परेशानी यह है कि एक्सीडेंट होगा कैसे!!"
"तुम लोग 8- 10 आदमी हो। गाड़ी को सड़क किनारे ले जाकर पलट दो। इतना खाते पीते हो। इतना भी ताकत नहीं बचा है।"
"अच्छा सुनो, भैंस बहुत पॉपुलर है। उसे भी कहानी में घुसेड़ देना।"
"जय श्री ,जय श्री ,जय श्री " तभी मोबाइल इसी रिंगटोन से बजने लगता है।"
"क्या हुआ है! इतने देर क्यों? जब हम बैठे है सब संभालने!!"
"जी सर, हो गया सर। टपका दिये सर। ठोक दिए।"
"जय हिंद सर"
"जय हिंद" । बला टली। पता नहीं क्या मुँह खोलता!!"
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