20 अप्रैल 2024

#बिहार में कम #मतदान, तथ्य और सत्य

#बिहार में कम #मतदान, तथ्य और सत्य 

बिहार में कम मतदान को लेकर सभी चिंतित है। यह स्वाभाविक भी है। बिहार  के  नवादा  लोकसभा  में  सर्वाधिक  कम  मतदान  हुआ। इसके कई कारण है। इसके तथ्य और सत्य अलग अलग है। एक  बात यह भी है कि  42 डिग्री का प्रचंड गर्मी  में चुनाव था। इस साल कम लगन था। लगन  के  दिन  ही  चुनाव  की  तारीख रख दिया गया। कई घरों में शादी थी तो वे दिन में सोये रहे। कई लोग शादी में शामिल होने बाहर चले गए।
पहले चरण में  प्रचार का कम समय मिला। अंतिम दिन तक टिकट के लिए माेलभाव, तोड़जोड़।  इससे कार्यकर्ता उत्साहहीन हो गए। अब पार्टी प्राइवेट लिमटेड कंपनी की तरह काम करती है। कार्यकर्ता का महत्व कम गया। जीताने वाले को टीकट देती है। वह चाहे अपराधी हो।  दागी हो। वंशवादी हो।  कल तक भ्रष्टाचारी  हो ।  सब  धो पोंछ कर पी जाना है। तब कार्यकर्ता भी उदासीन हो गए। पहले पार्टी कार्यकर्ता वोटर को घर से निकालने में लगे रहते थे, इस बार यह सब कम देखने को मिला। 
एक  कारण पार्टी का गठबंधन रहा। कल तक गाली देने वाले आज गले मिल रहे। तो  उदासीन  होना  स्वाभाविक  है। 

एक कारण चुनाव आयोग के वातानुकूलित अधिकारियों की रही। उनके  द्वारा  आम  जन  की  समस्याओं  का  ध्यान  नहीं  रखा  गया। लगन और गर्मी दो कारक है। चुनाव आयोग ने प्रचार पर कड़ा अंकुश लगाया है। असर  रहा  कि  गांव  और  गलियों में चुनाव का शोर थम गया। इससे हमे सकुन तो मिला, उत्साह कम गया। 
ठोस कारक देखिए। बिहार में पलायन एक सत्य है। वोटर गांव में नहीं है। मांझी जी का वोटर का पूरा गांव और टोला खाली है। दूसरी सभी  जातियों में भी पलायान है। प्रदेश जाकर बिहार में खुशहाली ला रहे। अपने  देह  पर  सितम  उठा  घर,  परिवार  खुशहाल  कर  रहे। गांव में रहने वाले ज्यादातर वोटर वोट देने के लिए गए है। कुछ कथित वीआईपी लोग सोए रहे।

तब जो वोटर हैं ही नहीं वो वोट कैसे करेंगें ।एक  कारण  सरकार  बदलने  का  विकल्प का अभाव भी रहा। तो वोट करने कुछ नहीं  निकले। कुछ को बीएलओ ने मतदाता पर्ची नहीं दिया तो प्रभावित हुआ। पहले पार्टी कार्यकर्ता भी पर्ची देते थे, अब कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर चेहरा चमकाते है। 

इस समीकरण से बिहार में 70 प्रतिशत मतदान हुआ है। 5 प्रतिशत चुनाव आयोग की अदूरदर्शिता से कम हुआ। 5 प्रतिशत प्रचंड गर्मी ने रोका। 5 प्रतिशत उत्साह की कमी। हां, 15 प्रतिशत पलायन से वोट नहीं हुआ।  जो लोग प्रचंड गर्मी की बात करते हैं उनके लिए 85 वर्षीय बुढ़ी माता राबड़ी देवी बानगी है। घाटकुसुंभा टाल में बीच दोपहर। घर से एक किलोमीटर दूर। वोट देकर जा रही है। 

नवादा में राजद का बूथ मैनेजमेंट तगड़ा था। कई बूथ पर सिपाही से लेकर पुलिस पदाधिकारी और पीठासीन तक, कोई न कोई राजद समर्थक मिले। वे अपनी ताकत लगाकर वोट को रोक रहे थे। मुझे बूथ पर नहीं जान देने वाले भी राजद समर्थक पुलिस पदाधिकारी थे और वरीय अधिकारी द्वारा सूचना पर संज्ञान नहीं लिया जाना, चिंता का विषय है।

बाकी सब ठीक है।

(डिस्क्लेमर: राजद को ज्यादा खुश नहीं होना चाहिए। मतदान प्रतिशत उनके सार्थक गांवों में भी कम ही हुआ है। )

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