खान सर कोचिंग संचालक है। मनोरंजन करके पढ़ाते है। यह सभी जानते है। पर खान सर कौन है यह आज भी बहुत कम लोग जानते है। 
आश्चर्य होता है... यही खान सर की सच्चाई है..
मतलब कि वे हमेशा आधा सच ही सामने रखते है। उसके कुछ बड़ा कारण भी होगा..!
खैर, सोशल मीडिया पर उनके शादी की पार्टी की धूम है। सभी न्यूज़ वाले उसे शेयर कर रहे।
खान सर ने शादी भी गुप्त रखी। कोचिंग मे सबको बताया।
अब रिसेप्शन में बिहार के तेजस्वी यादव सहित कुछ नामी लोग भी पहुंचे परंतु नई नवेली दुल्हन का घूंघट हमेशा चेहरे को छुपा कर रखा ।
खान सर अपने कोचिंग में पढ़ाते कम और उपदेश ज्यादा देते हैं, जिसमें समाज को बदलने का उपदेश भी होता है।
रिसेप्शन की पार्टी में घूंघट में दुल्हन खान सर के स्त्रियों को पर्दे में रखने के पितृ सत्तात्मक सोच का उदाहरण है...! शुक्र है कि दुल्हन हिजाब में नहीं थी..!
मतलब यह की स्त्री के पर्दा प्रथा के कट्टर समर्थक है खान सर...!
मतलब यह कि उनके नजर में स्त्री को स्वतंत्रता नहीं है? उनका अपना कोई अस्तित्व नहीं है? इस पर भी उनका अपना तर्क आएगा और वह लंबा-लंबा भाषण देंगे, परंतु यह उनका दकियानुसी सोंच ही है...
शुक्रिया अरुण जी एक बेहद जरूरी विषय पर त्वरित प्रतिक्रिया के लिए। सोशल मीडिया पर मैंने कथित इन खान सर (जो कि शिक्षा के क्षेत्र में एक आदर्श माने जाते है) की शादी के बारे में बहुत कुछ देखा -सुना पर इनकी पर्दानशीं दुल्हन को देख कर जो आघात लगा वह शब्दों में लिख नही पा रही हूँ। और उस पर गर्व से इतराते खान सर को देख कर अजीब सा लगा। क्या ये वही व्यक्ति है जो अपनी सोच और विचारों से समाज को बदलने का हौंसला रखता है? उन्हे अपनी पत्नी को एक शिक्षित नारी के रूप में प्रस्तुत कर अपने समाज में एक आदर्श स्थापित करना चाहिए था। आखिर कितने दिन वे अपनी दुल्हनिया को पर्दे में रख सकते हैं? किसी दिन जब उच्च शिक्षित और सरकारी कर्मचारी उनकी पत्नी सोशल मीडिया पर जींस और टॉप में वायरल हो गई तो खान साहब को लेने के देने पड़ जायेंगे। बहरहाल दोहरी मानसिकता के इन छद्म बहरूपियों को युवाओं को अपना आदर्श मानने से बचना होगा 🙏
जवाब देंहटाएंsadar aabhar... aapse sahas diya...varna kayi mahilaon ne to ise sahi hi maana
हटाएंआपकी टिप्पणी में हौसला दिया है, वरना फेसबुक पर कथित प्रगतिशील महिलाओं ने हौसला तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी
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