24 नवंबर 2011

नीतीश कुमार और उनकी सेवा यात्रा का सच।



कल नीतीश कुमार शेखपुरा जिले की यात्रा पर आये हुए थे और उनकी सेवा यात्रा को नजदीक से जानने समझने का मौका मिला। सेवा यात्रा के क्रम में नीतीश कुमार बरबीघा के कुटौत गांव आये। कुटौत मध्य विद्यालय का निरिक्षण किया पर सब प्रायोजित था। स्कूल में जब वे प्रायोजित लोगों से बतिया रहे थे तभी उसी विद्यालय में जाकर हमलोगों
शिक्षिका से बात की जिसने बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री का नाम जवाहरलाल नेहरू बताया। वहीं किसी ने नीतीश कुमार का नाम  मुख्यमंत्री के रूप मंे नहीं बताया। विद्यालय में जितने लोग इस उम्मीद मंे आये थे कि वे मुख्यमंत्री से मिलके अपनी फरीयाद करेगें सबको पदाधिकारियों की बड़ी फैज ने बाहर ही रोक लिया या फिर किसी तरह से नाम बगैर नोट कर समस्या दूर करने का आश्वासन दिया।

जिस गांव का दौरा नीतीश कुमार कर रहे थे वहां गंदगी का अंबार था और बजबजाती नालियों से होकर नीतीश कुमार गुजरे। गांव की सफाई और स्वच्छता का पोल खुल गई। वहीं दलित प्रेम का स्वांग भी सामने आया और गार्डो से घिरे  नीतीश कुमार से मिलने को बेचैन दलित महिलाओं को रोक दिया गया और फिर जब वे सब इसका विरोध करते हुए नीतीश कुमार के काफीले के आगे आकर अपनी फरीयाद करना चाही तो उन्हें घकेल कर भगा दिया गया।


वहीं बरबीघा की पहचान जहां बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डा. श्रीकृष्ण सिंह से है वहीं नीतीश कुमार के माल्यापर्ण किये जाने को लेकर उनकी प्रतिमा का साफ कियाा गया पर नीतीश कुमार वहां से गुजर गए और माल्यापर्ण नहीं किया। इस घटना से नाराजा होकर सांसद ललन सिंह ने आकर प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया।

वहीं शेखपुरा में दिनदहाड़े हुई हत्या  के हत्यारे को पकडे नहीं जाने से नाराज लोगों ने शेखपुरा सर्किट हाउस में मिलने आए लोगों सेसीएम नहीं मिले और नाराज लोगों ने जब हंगामा किया तो पुलिस ने लाठियां चटकाई। इससे नाराज लोगों ने नगर मे जमकर हंगामा किया और कई जगह आग जनी की।

नीतीश कुमार जब यह कहते है कि इस तरह की यात्रा का मतलब जनता से जुड़ना है तो मुझे भी लगता था कि यह एक सराहनीय कदम है पर जब आंखों से देखा तो सच कुछ और ही सामने आया।

5 टिप्‍पणियां:

  1. नितीश के बारे में मीडिया जो भी सोचे पर एक अन्धकार भरे युग से बिहार को बहार निकल लाये हैं.

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  2. नितीश कुमार मुख्यमंत्री बनने पर बिहार में काफी बदलाव आ गया है! आगे जाकर राज्य में और भी बदलाव आने की आशा रखते हैं! शानदार पोस्ट!
    मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
    http://seawave-babli.blogspot.com/

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  3. Every thing has pros and cons, Nitish should understand these people sentiments and start thinking about solution for poverty.

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  4. हमने भी देखने की कोशिश है साथी... जितना दिखाया जा रहा है, उसके मुकाबले सच बहुत कड़वा है...
    बिहार में जो चल रहा है, वह भविष्य में पाखंड-युग का एक बेहतरीन उदाहरण बनेगा...

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