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यह तस्वीर बेटी की है। वह अपने माता पिता को माला पहनाई। क्यों, पढ़िए..! पढ़िए बेटी के चेहरे की खुशी। पढ़िए माता पिता के आंखों में झलकते आंसू....
सुन्दर प्रस्तुति!
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धरा स्वर्ग हो जायेगी, जब बरसेगा प्यार।
ढाई आखर प्रेम का, बहुत बड़ी उपहार।।
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आपकी पोस्ट की चर्चा आज चर्चा मंच पर भी है।
सादर... सूचनार्थ!
http://charchamanch.blogspot.in/2013/03/1189.html
बच्चे तो भगवन के रूप होते हैं,वे धर्म के ढकोसलों से परें है.
जवाब देंहटाएंबच्चे मन के सच्चे भगवान् को लगते प्यारे,,,
जवाब देंहटाएंRecent Post: सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार,
आदमी का धर्म तो प्रेम ही है :)
जवाब देंहटाएंबच्चों की बात -बड़ों के लिए मिसाल !
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