(फगुनाल कविता के साथ सभी मित्रों को होली मुबारक)
देख सखी री फागून आयो
आम के मंजारा संग हमरो मन बौरायो
पियबा निर्मोहिया परदेश गयो
होली में न आवे के संदेश दियो
देवरा के रंग-ढंग देख
मेरो मन घबरायो
देख सखी री फागून आयो
पिहू पिहू बोले पपिहरा
कोयलिया गीत सुनाए
दादूर बोले
झिंगुर गाये
बैरन चंदा रात भर
संग संग मोहे जगायो
देख सखी री फागून आयो
का से कहूं मैं रंग तनि ला दा
का से मंगबाउं गुलाल
का से मंगबाउं चुनरी-चोली
ससुरा में बहुतै मलाला
बिन पियबा फागून निर्मोहिया
तनिको मन न भायो
देख सखी री फागून आयो
(Arun Sathi)
बहुत बेहतरीन सुंदर अभिव्यक्ति ,,,
जवाब देंहटाएंआपको होली की हार्दिक शुभकामनाए,,,
Recent post: होली की हुडदंग काव्यान्जलि के संग,
बहुत सुंदर .....शुभ होली.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर .....शुभ होली.....
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