#प्रधानमंत्री जी के नाम खुला खत
#अग्निवीर
देश के युवाओं को आपसे कुछ विशेष उम्मीद तो नहीं थी परंतु इस तरह से युवाओं के जीवन को, उसके पूरी कैरियर को अंधे कुएं में धकेल दीजिएगा इसकी भी उम्मीद नहीं थी।
युवाओं के जीवन को अग्निपथ से कम आपने नहीं बना दिया। 4 साल अग्निवीर के रूप में सेना की संविदा पे नौकरी 21000 महीना वेतन पाकर 4 साल के बाद रिटायर्ड होकर 10 लाख लेकर युवा आगे क्या करेंगे...?
यह शायद आपने सोच रखा है। जी हां! युवाओं के जीवन को पूरी तरह से बर्बाद करने की यह योजना कॉन्ट्रैक्ट पर सेना के नौकरी और फिर वहां से निकलकर कॉन्ट्रैक्ट पर अस्पताल, प्राइवेट बैंक में 10 हजार पर गार्ड की नौकरी और अपना पूरा जीवन बर्बाद .. !
प्रधानमंत्री जी आपको तो पता ही होगा कि 4 साल तक युवा कड़ाके की ठंड, भीषण गर्मी में भी लगातार कंक्रीट के सड़कों को अपने खाली पांव से रौंद देते हैं और तब जाकर सेना में भर्ती होते हैं। पता है प्रधानमंत्री जी जिस जगह पर नौजवान ऊंची कूद और लंबी कूद करते हैं वहां बजरंगबली के तस्वीर लगा कर पूजा पाठ करते हैं। उनके लिए वह स्थान मंदिर से कम नहीं होता।
आपको पता है प्रधानमंत्री जी
सेना में भर्ती होते ही युवाओं के आंखों में सपने चमकने लगते है।
सेना में भर्ती होते ही उन्हें अपने बूढ़े मां बाप के सपने को पूरे होते देखने के सपने आने लगते हैं।
अपनी बहन के अच्छे घर में शादी के सपने आने लगते हैं। उस जवान के भी शादी के लिए रोज घर पे बरतुहर आने लगते है।
प्रधानमंत्री जी
ऐसे युवाओं के सपनों को तोड़ देना ठीक ही है। सपने देखना बहुत बुरी बात है। आप के राज में तो बिल्कुल ही देशद्रोह।
खैर, जो युवा जय श्रीराम के नारे लगाकर अंधभक्त बने हैं उनके साथ यही होना भी चाहिए, जय श्री राम...
यथार्थ/और चिंतन परक लेख।
जवाब देंहटाएंसंवेदना स्वयं प्रश्न पूछ रही है।
एक कॉन्ट्रैक्ट की पोस्ट निकलती है तो छत्तीस बच्चे आ जाते हैं...जिनमें स्किल्स की कमी होती है…और अनुशासन की भी...मेरी रेम इस विषय में मुख़्तलिफ़ है साथी साहब...👍
जवाब देंहटाएंराय में...😊
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