भ्रम जाल से देश नहीं चलता
अरुण साथी
सबसे पहले अग्निपथ योजना का विरोध करने वाले आंदोलनकारियों से निवेदन है कि सार्वजनिक संपत्तियों का नुकसान नहीं करें, यह आपका नुकसान है। अपका देश है। विरोध का अन्य तरीका भी कारगर है। जिस तरह से आंदोलन उग्र है उससे आप सेना में भर्ती वाले जवान ना रहकर गुंडई करने वाले बन गए। जमाना इसी तरह के गोदी मीडिया का है। अभी आपको गुंडा की तरह प्रस्तुत किया जा रहा है। यह आपकी गलतियों से हुआ है। अहिंसक आंदोलन से आप देश भर के लोगों का समर्थन प्राप्त कर सकते थे परंतु आज देश भर में आपकी आलोचना भी हो रही है।
दूसरी बात, यह हर किसी को पता नहीं होगा कि आपके माता-पिता पेट काटकर आपको तीन चार साल तक सेना में भर्ती के लिए मेहनत कराते हैं। यह ज्ञान बांटने वालों को पता नहीं होगा कि आपके माता पिता नमक रोटी खाकर आपको पेट भर दूध देते है। 4 बजे सुबह आप जगते हैं और धरती का सीना नंगे पांव चाक करते हैं। दौड़ते हुए आपके आंखों में तो सपने होते ही है आपके माता-पिता, भाई-बहन के आंखों में भी सपने पलते है।
खौर, कई लोग कई तरह के सवाल कर रहे हैं। जब इस अग्निपथ स्कीम को लागू किया तो माेदी जी को जरूर पता होगा कि देश भर में इसका विरोध होगा। रणनीति है कि वे चुप रहेंगे। उन्हें पता होगा कि कितने दिनों तक आंदोलन चलेगा देखते हैं। उनकी यह नीति लगातार रही है। और उन्होंने बिल्कुल प्लानिंग से यह काम किया है। योजना लागू करने के साथ ही आईटी सेल पर व्हाट्सएप ज्ञान भी शुरू हो गया। यह सभी को पता है कि सोशल मीडिया पर कुतर्क का जाल है।
खैर, कुछ सवाल ज्ञान बांटने वालों से है
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50 हजार प्रत्येक वर्ष नियमित सेना की भर्ती होती है तो क्या 25 प्रतिशत अग्निवीर को प्रत्येक वर्ष 50,000 नियमित रूप से बहाली होगी।
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50 हजार प्रत्येक साल नियमित बहाली के हिसाब से यदि युवाओं को रोजगार देने का दावा अग्निवीर से किया जा रहा है तो कम से कम 2 लाख प्रत्येक साल बहाली होनी चाहिए, होगी क्या
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सैनिकों के लिए मिलने वाले अन्य सुविधाओं का लाभ नौकरी करते और नौकरी करने के बाद मिलेगा यथा, केंद्रीय विद्यालय में बच्चों का नामांकन, रेलवे हवाई यात्रा में सुविधा, मेडिकल सुविधा इत्यादि
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25% अग्निवीर को नियमित करने का दावा किया गया है तो फिर इसके लिए अप टू 25% क्यों कहा जा रहा है। 25% की गारंटी क्यों नहीं दी जा रही और वह 25% प्रत्येक साल होने वाले 50,000 बहाली जितना होगा क्या
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यदि रोजगार देने की मंशा सरकार की थी तो 50,000 प्रत्येक साल होने वाले नियमित बहाली से अलग अग्निवीर की बहाली को क्यों नहीं रखा गया
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सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए आज भी अर्ध सरकारी और निजी क्षेत्रों में नौकरी की सुविधा है। क्या अग्निवीरों के लिए इसके अतिरिक्त कोई सुविधा मिलेगी
अब कुछ समाधान
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सरकार की मंशा युवाओं को रोजगार देने की थी तो नियमित बहाली को चालू रखा जाता। 2 साल तक जो मामला लंबित था उसकी बहाली हो जाती और नियमित बहाली में कोई छेड़छाड़ नहीं होता।
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अग्नीपथ योजना नियमित बहाली से अलग लागू किया जाता है। यह स्वेछिक होता, जो इसमें जाना चाहते हैं उसका स्वागत किया जाता है।
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नियमित बहाली को धीरे-धीरे कम किया जाता और अग्नि वीरों को 25% योजना के तहत उधर लिया जाता है।
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अग्नीपथ योजना को लेकर पहले ही देशभर में बात रखी जाती। युवाओं के विचार लिए जाते। मीडिया में विमर्श होती तो युवाओं के मन दुविधा नहीं होती।
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नियमित बहाली के लिए दौड़, ऊंची कूद, लंबी कूद, गोला फेंक, लिखित परीक्षा का जितना मापदंड है अग्निवीर के लिए इस मापदंड को आधा किया जाता ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिलता।
आपके समाधानों पर विचार किया जायेगा। झूठ नहीं । पक्का । सच्ची ।
जवाब देंहटाएंसर आपने बहुत ही अच्छा लिखा है। अभी तक लोग इस स्कीम से पूर्णतया वाकिफ नहीं है। सरकार को चाहिए था की वह पहले 2 -4 महीने खूब प्रचार प्रसार करती तब अच्छा होता। आपाधापी में योजना लागु करना अच्छा नहीं है।
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