रेल की चाय को पीना चाय के शौकीन अब पसंद नहीं करते। मन मार के रह जाते। पिछली यात्रा में जब घर पहुंचा तो श्रीमती को विश्वास नहीं हुआ की रेल गाड़ी में चाय नहीं पी। आज सुबह ही कॉल कर पूछ लिया, चाय पी...! बस चाय पीने के लिए बदनाम ही हूं..!
वैष्णो देवी यात्रा में भी हम सब लोग आईआरसीटीसी की चाय नहीं पीने का मन बना लिए। जैसी चाय आईआरसीटीसी वाले देते है उसे यदि गांव देहात में कोई पिला दे तो कहते है बकरी की मूत जैसी चाय पिला दी। इतना ही नहीं पहले जो पोटली वाली tetley चाय मिलती थी वह भी कमबख्तो ने बंद कर दी। आईआरसीटीसी वाले ग्राहकों को जिस हिसाब से लूटती है उससे अधिक अत्याचार कुछ नहीं।
खैर, आज सुबह ही सोच रहा था चाय भी रेडिमेड मिले तो कितना अच्छा। थोड़ी देर में रेडिमेड चाय लेकर आईआरसीटीसी के वेंडर पहुंच गया। ₹20 की चाय। चाय, दूध, चीनी, अदरख सब मिला हुआ। कॉफी, सूप सब। बस गर्म पानी मिला दो। राहत मिली। अच्छी चाय तो मिली।
क्या वाकई ये चाय अच्छी लगती है ?
जवाब देंहटाएंजी मुझे तो अच्छी लगी। घर जैसा स्वाद। कॉफी भी टेस्टी
हटाएंबहुत खूब .. अच्छी चाय मिल ही गयी
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