रविवार को बिहार के पर्यटन स्थलों की स्थिति और उसकी जानकारी को लेकर साथियों के साथ सासाराम के लिए निकला । रास्ते में चाय पानी करते हुए कहीं बेहतरीन सड़क तो कुछ-कुछ निर्माण कार्य की वजह से खराब सड़कों पर चलते हुए सासाराम पहुंचा।
शुरुआत में साथियों के साथ सासाराम के तुतला भवानी जलप्रपात देखने की योजना थी। इसकी जानकारी और खूबसूरत तस्वीर बड़े भाई और दैनिक जागरण के आरा प्रभारी कंचन भैया के माध्यम से मिली।
परंतु रास्ते में साथियों की सहमति से मां तारा चंडी मंदिर और उसके ऊपर मांझर झील को देखने का प्रोग्राम बना। मांझर कुंड जाने के लिए पहाड़ पर चढ़ना पड़ता है ।
प्रवेश द्वार पर आधार कार्ड के माध्यम से निःशुल्क रजिस्ट्रेशन कराकर गाड़ी के साथ पहाड़ी स्थल पर चढ़ गया । सड़कों की स्थिति ठीक-ठाक रही। पहाड़ी क्षेत्र पर पर्यटन विभाग के द्वारा ज्यादा सक्रियता कहीं दिखाई नहीं दिया।
रविवार की वजह से बाइक और चार चक्का सवार गाड़ियों का काफिला दिखाई दिया। मांझर कुंड पर सरकार के द्वारा एक लोहे के बैरिकेडिंग को लगाया गया है। उस पर तार से यह सूचना दे दी गई है कि नीचे सावधान रहें ।
नए लोगों के लिए यह थोड़ा असमंजस की स्थिति वाला जगह है। वहां जाने पर मांझर कुंड में स्नान करने के लिए कम और पिकनिक स्पॉट के रूप में इसका इस्तेमाल ज्यादा हो रहा था। हमलोग पिकनिक की तैयारी से नहीं गए थे।
बगल में एक धुआं कुंड भी था पर थकान की वजह से वहां नहीं जा सका।
खास बात यह रही कि शराबबंदी का माखौल यहां खुलेआम होता हुआ दिखाई दिया । कई जगह भोजन भी बना रहे लोग शराब का सेवन करते दिखाई दिए। जगह जगह बोतलों की भरमार। बोतलों को तोड़ दिए जाने की वजह से जगह जगह शीशे बिखरे थे।
मांझर कुंड में जहां पानी बहता है वहां कायी की वजह काफी फिसलन वाला जगह है। जिस पर यदि सावधानी से लोग नहीं चले तो कमर टूटने की गारंटी है और यदि तेज रफ्तार पानी रहा तो फिर संभलना मुश्किल है और जान पर भी बन सकता है।
खैर, हम सभी साथी किसी तरह, यूं कहें कि पानी में बैठ कर घीसकते हुए दूसरी तरफ गए और ऊपरी छोर पर जाकर स्नान किया । भारी संख्या में लोगों के द्वारा वह स्नान किया जा रहा था। कई लोग मांसाहारी भी थे । सुरक्षा की स्थिति कमी दिखाई दी ।
कुछ युवतियां और महिलाएं स्नान कर रही थी और वहीं पर मनचले लोगों के द्वारा तंज किया जा रहा था। इसको लेकर वहां सुरक्षा की कोई व्यवस्था दिखाई नहीं दिया। मनचलों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ था कि वह अपशब्द का प्रयोग भी करते हुए दिखाई दिए।
पर्यटन विभाग के द्वारा यहां कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई थी। फिर भी यह एक रमनिक जगह है और पिकनिक स्पॉट के रूप में यहां आनंद उठाया जा सकता है। यहां से लौटने के क्रम में पहाड़ पर रास्ते में जाम की स्थिति दिखाई दी जहां बिहार पुलिस के कुछ जवान पहुंचे और जाम से वाहनों को निकालने में जुट गए।
रास्ते में लौटने के क्रम में राजगीर पहुंचा जहां मलमास मेले की तैयारी रात दिन जोरों से चल रही है।
खैर, वहां से निकलने के बाद देर शाम घर पहुंचे। रास्ते में हंसी मजाक का सिलसिला भी चलता रहा ।
सुन्दर रिपोर्ट
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