शिक्षक भर्ती परीक्षा कदाचार मुक्त करा लेना बिहार के लिए आठवां अजूबा, धन्यवाद तो दिजिए
शिक्षक भर्ती परीक्षा कदाचार मुक्त करा लेना बिहार के पूरी व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती थी परंतु इसे सच कर दिखाया गया । बिहार में प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले से लेकर आम लोग तक बिहार में कदाचार मुक्त प्रतियोगिता परीक्षा हो जाए, इसे आठवां अजूबा मानते हैं परंतु शिक्षक भर्ती परीक्षा कदाचार मुक्त बीपीएससी के द्वारा करा दिया गया है।
इसके लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति परीक्षा केंद्र पर दर्ज कराना एक कारगर हथियार तो रहा है। कई सेटर के द्वारा यह भी सेटिंग की गई थी कॉपी में नाम और रोल नंबर भरकर सादा छोड़ देना है। बड़े स्तर पर सेटिंग करके उसे भर दिया जाएगा, लेकिन परीक्षार्थी बताते हैं कि 50% से कम प्रश्नों के उत्तर देने वालों से एक आवेदन लिया गया है जिसमें कहा गया है कि वह 50% से कम प्रश्नों का उत्तर दिए है।
जिस तरह से केंद्र सरकार के सीटेट में कंप्यूटर परीक्षा में पूरी तरह से कंप्यूटर सेंटर को मैनेज करके कंप्यूटर हैक कर सीटेट की परीक्षा विद्यार्थी पास कर गए थे उससे निराशा के अलावा कुछ हाथ नहीं लगा था। परंतु इस परीक्षा से उम्मीद जगी है।
सत्ता और विपक्ष के प्रतिद्वंदिता का परिणाम कहें अथवा कुछ भी, बिहार आज पूरे देश में नौकरी देने के मामले में अग्रणी राज्य बन रहा है। 175000 शिक्षक की बहाली उसी की एक कड़ी है। नरेंद्र मोदी की सरकार निश्चित रूप से युवाओं को निराश की है और उम्मीद भी आगे नहीं है। 4 साल पर रेलवे की वैकेंसी एक भी नहीं दी गई है। अन्य वैकेंसी में भी कटौती है। वैसे में बिहार सरकार एक रास्ता तो दिखा रही है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें