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अग्निपथ पे लथपथ अग्निवीर
भ्रम जाल से देश नहीं चलता अरुण साथी सबसे पहले अग्निपथ योजना का विरोध करने वाले आंदोलनकारियों से निवेदन है कि सार्वजनिक संपत्तियों का नुकसान ...
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उसके बड़े बड़े स्तनों की खूबसूरती छुपाने के लिए सपाटा से उसी प्रकार कस कर बांध दिया जाता है जैसे गदराल गेंहूं के खेत में पाटा चला दिया गय...
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दिसम्बर की सर्द रात को कोहरे ने अपने आगोश में ले लिया था और हमारे प्राण को अपराधियों ने अपने आगोश में। जिंदगी और दोस्ती की बाजी में मैंने...
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#स्नेही_रिश्ता रिश्ते की अहमियत स्नेह से ही है । अपने और पराए की पहचान सुख-दुख में स्नेह से ही होती है। स्नेह ना हो तो अपना भी पराया। स्नेह...
दिल को छू लेने वाली कविता है! सोच रही हूँ, कनतिया के माँ बाप जेल में क्यों नहीं है!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अरुणजी.... बहुत ही सशक्त और प्रभावी पंक्तियाँ रची हैं......
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अरुण जी, सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंवाह!महिला दिवस पर एक अनुपम रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सशक्त
जवाब देंहटाएंमार्मिक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंkalam roopi hatiyar se samaj mein faili "Bal vivah" jaisi kuritiyan par jabardast prahar.
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