बरबीघा (शेखपुरा) बिहार
जी हां और अब बिहार खेतों में भी शराब पैदा हो रही है। यह कपोल कल्पना नहीं बल्कि एक हकीकत है। शेखपुरा जिले के बरबीघा का नारायणपुर मोहल्ला अवैध चुलौआ दारू का एक बड़ा केन्द्र है। इसी केन्द्र को ध्वस्त करने के लिए बरबीघा पुलिस ने बड़ी तैयारी के साथ छापेमारी की। इस छापेमारी में चुलौआ दारू के अड्डे पर पुलिस ने बिरानी पाई।
और इसी आशंका पर पुलिस ने दारू के अड्डे के आस पास खेतों में तलाशी शुरू की और फिर मिला खेतों के अंदर गाड़े गए हजारो लीटर शराब।
अवैध शराब माफिया ने अब घरों की जगह खेतों में बड़े बड़े गढ्ढे खोद कर उसके अंदर शराब बना रहे थे। जैसे जैसे पुलिस छापेमारी करती गई वैसे वैसे खेतों से शराब निकलती गई। नारायणपुर मोहल्ले में चार दर्जन से अधिक शराब के अड्डे खेतों में मिले जिसमें शराब बनती पायी गई। इतना ही नहीं जमीन के अंदर जगह जगह तैयार शराब, मिठ्ठा और अन्य शराब बनाने के सामान गाड़े पाये गए।
नारायणपुर के अवैध शराब के काले कारोबार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस मोहल्ले में दारू की तालाब भी है। दरअसल मोहल्ले के लोगों ने अवैध शराब निर्माण के क्रम में निकलने वाले जहरीले पदार्थ को ठिकाने लगाने के लिए एक तलाब ही खेद रखी है जिसका नाम दारू तलाब रखा गया। इस तलाब में पानी की जगह दारू ही दारू नजर आता है। कहा जाता है कि इसके अवशेष को यदि जानवर पी ले तो वह तत्काल मर जाता है।
जो भी हो, पर अब खेतों से निकलती शराब को देख लोग दांतों तले उंगली दबा रहे थे।
अब लोग खेतों से अनाज की वजाय शराब को प्राथमिकता दे रहे है,
जवाब देंहटाएंतो निश्चित रूप से शराब बनाना फायदेमंद होगा,,,
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