‘‘बियाह नै करे ले चाहो हियै सर? आज भोरे पता लगलै की बियाह होतै। केकरा से बियाह हो रहलै हैं हमरा नै पता है?’’ यह कहना है रिंपल की। आजादी के इतने सालों बाद और मानव विकास तथा नारी सशक्तीकरण के दावों के बीच रिंपल एक यथार्थ है हमारे समाज और उसके पिछड़ेपन की।
रिंपल शेखोपुरसराय थाना के जीयनबीघा गांव की रहने वाली है और तीन साल पहले ही उसने पांचवी तक पढ़ाई करने के बाद स्कूल जाना छोड़ दिया। रिंपल की उम्र अभी मुश्किल से तेरह साल होगी और आज रिंपल की शादी होने वाली थी वह भी राजस्थान के चालिस वर्षिय युवक के साथ पर एसपी मीनू कुमारी की पहल पर पुलिस ने शादी से पहले ही कुसेढ़ी के पंचवदन स्थान से युवक को हिरासत में ले लिया।
यह त्रासदी नहीं तो और क्या है कि रिंपल के माता पिता इस शादी में शरीक नहीं हो रहे थे और बभनबीघा निवासी उसके जीजा दिलीप राम पीला धोती पहन और हाथ-पैर रंग कर कन्यादान करने के लिए तैयार था।
यह समाज का पिछड़ापन और जगरूकता की कमी ही है कि लड़की के जीजा कहते है कि गरीब की बेटी है सर किसी तरह निवह जाना है। आलम यह है कि लड़का कहां का रहने वाला है और किस जाती का है यह भी लड़की के परिजनों को पता नहीं है पर लड़की का निवाह करना था सो शादी कर रहे थे।
पुलिस की हिरासत में लिए गए युवक ने अपना नाम महिपाल सिंह यादव बताया वहीं अपना पता राजस्थान के अलवर जिले के कोर्ट कश्मीरी बता रहा है। युवक से बरबीघा थाना के प्रभारी थानाध्यक्ष सत्येन्द्र शर्मा एवं इंस्पेक्टर अरूण शुक्ला पूछ ताछ कर रहे है जिसमें इस बिन्दू पर भी नजर रखा जा रहा है कि कहीं शादी के बहाने युवक मानव तस्करी का करोबार तो नहीं करता।
वहीं इस संबंध में थानाध्यक्ष ने बताया कि एसपी के आदेश पर लड़की का मेडिकल जांच कराया जाएगा और इसके बाद जो तथ्य सामने आएगें उसी के हिसाब से कार्यवाई की जाएगी। इस सारे घटनाक्रम को देख कर सोंच रहा हूं कि क्या मां बाप पर बेटी बोझ है! और यदि है तो इसके लिए हमहीं जिम्मेवार भी है...
परिस्थितयों के आगे माँ बाप मजबूर हो जाते ,,,
जवाब देंहटाएंसही कहा !
जवाब देंहटाएंजन-जीवन के अँधेरे कोनों में यही लाचारियां पल रही हैं !
जवाब देंहटाएंपरिस्थितियां
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