अकेला चना भाड़ नहीं झोंक सकता,सब काम मिल जुल कर ही होता है,आजकल तो सरकार भी मिलजुल कर बनती है तो इसमें काहे का संकोच ?
समझ की बात है ...
अकेला चना भाड़ नहीं झोंक सकता,सब काम मिल जुल कर ही होता है,आजकल तो सरकार भी मिलजुल कर बनती है तो इसमें काहे का संकोच ?
जवाब देंहटाएंसमझ की बात है ...
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