शराबबंदी का सार्थक असर,पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण सम्पन्न।
रविवार को बरबीघा में पंचायत चुनाव शांति पूर्ण सम्पन्न हो गया। चिलचिलाती धूप में ख़बरों के लिए घूमना महज औपचारिकता रही, सभी जगह कतार में लगे वोटरों की तस्वीर...।
निश्चित ही यह लोकतंत्र के मजबूती की निशानी है। जनता जनार्दन की जय है। दबंग से दबंग भी वोट के लिए आम आदमी की चिरौरी करते रहे। गरीब से गरीब भी शान से वोट देकर घर आये।
कुछ जगहों पे शांतिपूर्ण मतहरण भी हुआ। बोगस वोटिंग हुयी, पर आपसी सहमति से ही।
यह सब हुआ और यह प्रशासन की सफलता है पर इसमें सबसे अहम् रोल शराब बंदी का रहा। झगडे की जड़ शराब होती है, जड़ ही काट दिया गया तो झगड़ा कहाँ?
मोरल:- अब जरी मनि तो कुछ न कुछ होब्बे करतै भाय जी, लप्पड़ थप्पड़, नुकछुप के दारूबाजी...ई सब होलै ही...तब कि कहो हो..राम राज है...औ राम राज में भी सीता के बनवास तो होल है कि नै...
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (26-04-2016) को "मुक़द्दर से लड़ाई चाहता हूँ" (चर्चा अंक-2324) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन विश्व मलेरिया दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
जवाब देंहटाएंझगडे की जड़ शराब होती है, जड़ ही काट दिया गया तो झगड़ा कहाँ?
जवाब देंहटाएंशराब सब जगह बंद कर देनी चाहिए। . शराब अच्छे अच्छों का दिमाग खराब कर देता है