निर्भय माँ
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दरिंदों की फांसी पर
खुश मत हो
ढोल मत बजाओ
दरिंदों को फांसी पर
लटकाने तक एक
मां के संघर्ष को
महसूस करो
सोंचो
कौन इस
भूल भुलैया
न्याय व्यवस्था में
मरी हुई बेटी को
न्याय दिलाने के लिए
इतना संघर्ष करेगी...
यह भी सोंचो
कि लाखों मां
सिर्फ आंसू बहा
और ईश्वर को कोस
कर रह जाती है...
और यह भी सोंचो
कि चार दरिंदों को ही
केवल फांसी लगी है
हजारों दरिंदे
आज ही अट्टहास कर रहे हैं
हमारे आसपास...
सही कहा।
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