विश्व कल्याण के लिए शांति पाठ
हिंदू धर्म की आलोचना सर्वाधिक होती है। खास यह कि हिंदू धर्मावलंबी भी हम सब इसकी आलोचना करते हैं परंतु यजुर्वेद का यह शांति पाठ विश्व के कल्याण से भी जुड़ा हुआ होता है। शायद ही किसी धर्म में सभी जीवों, संपूर्ण विश्व के कल्याण और शांति की आराधना की जाती होगी, हो सकता है किसी धर्म में ऐसा हो तो ज्ञान वर्धन करें। आज हमें इसकी सर्वाधिक जरूरत महसूस हो रही है।
ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:,
पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,
सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥
***
हिन्दी
शान्ति: कीजिये, प्रभु त्रिभुवन में, जल में, थल में और गगन में,
अन्तरिक्ष में, अग्नि पवन में, औषधि, वनस्पति, वन, उपवन में,
सकल विश्व में अवचेतन में!
शान्ति राष्ट्र-निर्माण सृजन, नगर, ग्राम और भवन में
जीवमात्र के तन, मन और जगत के हो कण कण में,
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥
सुन्दर सृजन।
जवाब देंहटाएंमाँ जगदम्बा की कृपा आप पर बनी रहे।।
--
घर मे ही रहिए, स्वस्थ रहें।
कोरोना से बचें