भक्ति समाचार चैनल पर जब इस खबर का प्रसारण हो रहा था तो कुतर्क कार्यक्रम में राजा जी के खासमखास मंत्री बीरबल ने अपने वक्तव्य में कहा कि राजा को डायन कहना बिल्कुल ही राजा-द्रोह की श्रेणी में आता है। इसमें पाकिस्तान का हाथ है। पाकिस्तान से यह टूलकिट भेजा गया और विपक्षी वामी, सामी, कामी ने मिलकर इस टूलकिट को हवा दी है।
गांव-गांव यह बात जंगल में धुंआ की तरह तेजी से फैल गई। महंगाई डायन गाना किसी की जुबान पर आया तो जेल हो जाएगी। रामखेलावन काका गांव में चौपाल लगाए हुए थे। उधर से रामबुझाबन सिंह गुस्से में भुनभुनाते हुए आ रहे थे। काका ने पूछा तो भड़क गए। बोले, खेत पटाबे ले ई सुवरथा के नाती दोगुना पैसा मांगों हो। कहलको अरब वाला पानी दोगुना मंहगा हो गेलाें हें। भला बोल्हो, अब की उपजइबों, आ की खाइबों, अ की बचाइबो।
उधर खेलावन काका जब खाने पर घर पहुंचे तो पतोह खाना की थाली ला कर रख दी। कौर मुंह में लेते ही उन्हें अजीब सा लगा। वे झट से उगल दिए। मन भिन्ना गया। इसमें कोई स्वाद ही नहीं था। उनका गुस्सा कपाड़ पर चढ़ता उससे पहले ही वे डर गए। कोरोना में भी स्वाद चला जाता है। उन्हें भी तो नहीं हो गया। उन्होंने पतोह को आवाज दी। अपना डर बताया । सबको अलग रहने के लिए कहने लगे। ई छुआ-छुत हो। सुनलियो छो हाथ दूर भी उड़ के चल जा हो। सब दूरे रहिया। जाहियो बगैचा में रहबो।
सच्चायी के साथ शब्दों का अदभुत संयोजन...
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