14 अक्तूबर 2022

दैनिक जंगल समाचार पत्र में जांबाज बाघ की चर्चा

दैनिक जंगल समाचार पत्र में जांबाज बाघ की चर्चा 


दैनिक जंगल समाचार पत्र में इन दिनों एक जांबाज बाघ के शहीद होने की खबर सुर्खियों में है । खबर कि अपने जंगल और जमीन पर कब्जा कर बैठे जंगल, जानवर और जमीनखोर आदमजात से लड़ते-लड़ते एक जांबाज बाघ शहीद हो गया।
 खबर में यह भी लिखा गया है कि जंगल जमीन और जानवरों से जंगल को बचाने के लिए लड़ते लड़ते शहीद हुए बाघ की तरह का हौसला कोई कोई ही कर पाता है ।


कहा गया है कि आदमजात ने उनके जंगल पर कब्जा कर लिया । इस वजह से जंगल खत्म हो गए ।कई जानवर विलुप्त हो गए। हाथी, बंदर, बिल्ली, कुत्ता, गिलहरी, लोमड़ी, खरगोस इत्यादि जानवरों ने आदमजात से समझौता कर लिया और पालतू होकर उसके साथ रहने लगे।

 और उसी के जैसे हो गए परंतु बाघ शेर चीता यह क्रांतिकारी निकले अभी तक पालतू भी नहीं हुए हैं और शहरीकरण का इन पर प्रभाव नहीं पड़ा है। इस वजह से लड़ते-लड़ते शहीद हो रहे हैं।

 दैनिक जंगल समाचार पत्र में इस बात की भी चर्चा की गई है कि विलुप्त होने के बाद उनकी पूछ बढ़ जाती है । आदम जात दिखावटी प्रेम प्रदर्शन में बहुत ही शातिर है। इसी वजह से अफ्रीका से चीता मंगवा कर दिखावटी प्रेम का जबरदस्त प्रदर्शन किया गया। साथ ही साथ समाचार पत्र के संपादकीय में विशेष तौर पर इस बात की चर्चा की गई है कि आजमजात जंगली जानवरों से भी खूंखार हो गया है। तभी तो एक मरे हुए बाघ की लाश को नोचते हुए आजम जात को देखा गया। इस पर खास टिप्पणी की गई है कि आदम जात का अवगुण जानवरों में नहीं अपनाना चाहिए।

9 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (15-10-2022) को "प्रीतम को तू भा जाना" (चर्चा अंक-4582) पर भी होगी।
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    कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
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    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. जंगल मे नही पहुंचा होगा मीडिया नही तो समाचार गोद मे होता :)

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