सुखी दांपत्य जीवन का राज
अरुण साथी, (हास्य व्यंग्य)
किसी संत पुरुष ने पत्नी की बनाई कड़वी चाय की प्रशंसा की और अपने भक्तों को सुखी दांपत्य जीवन का इसे ही राज बताया। जब से यह ज्ञान प्राप्त हुआ है इस मंत्र को मान लिया गया है। इस मंत्र रूपी नुस्खे को कई बार आजमाया है। जैसे कि कलेजा पर पत्थर रखकर पत्नीजी को गाहे-बगाहे रूपमती और गुणवंती बताते रहना पड़ता है। इसका सीधा असर सुखी दांपत्य जीवन पर पड़ता है।
पत्नी जी को पति से प्रेम हो अथवा नहीं हो परंतु मिर्ची से प्रेम नैसर्गिक है। सो है। आप एक लाख बार कोशिश कर लीजिए इस अटूट प्रेम बंधन को तोड़ना असंभव होगा। इसी मिर्च प्रेम की व्याख्या पत्नी जी के सामने जब करना पड़े तो वहां भी संत का मंत्र काम आता है। पत्नी जी ने आज मशरूम बनाई। खाने के बाद एक मित्र का कॉल आ गया। पत्नी जी वहीं थी। बस क्या था। सुखी दांपत्य जीवन का मंत्र अपना लिया। जब दोस्त ने पूछा कि क्या खा रहे हो और कैसा बना है मैंने कहा, पत्नी जी के हाथ में तो जैसे जादू है। इतना स्वादिष्ट मिर्चाय मशरूम बनाई है कि वर्णन करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। स्वाद ऐसा है कि खाते-खाते आंखों से झर झर खुशी के आंसू बह रहे हैं। और तो और खाने के तुरंत बाद रसोई में जाकर एक मुट्ठी चीनी से आतीशी स्वाद को काबू करना पड़ा।
पत्नी जी की पाक कला का प्रशंसक हर पति होता है। ना हो तो जान सांसत में पड़ जाए । इसी पाककला का प्रशंसक मैं भी हूं । अब देखिए इटली और चीन के पाक विशेषज्ञों को भारत आकर शोध करना चाहिए। कैसे उनके व्यंजनों में भारतीय प्रतिभावान पत्नियों ने पंच फोरन का छौंक मारकर उसके स्वाद में 12 चांद लगा दिए । पाक कला का ही नमूना है कि मैगी नूडल्स और पास्ता का भारतीय संस्करण पत्नी जी के बुद्धिमान होने का सूचक है। तभी तो इसे मिर्च मसाला के साथ बनाकर सब्जी के रूप में रूपांतरित कर दिया गया है।
संत महाराज के दिए हुए मंत्र अक्सर काम आते हैं। अब एक-दो दिन के बाद गंदे होने पर भी कपड़े को बदलना कानूनन जुर्म हो गया है । उसको चार-पांच दिन पहनना पड़ता है। कभी-कभी प्रेम बस पत्नी जी पूछ ले कि इतने दिनों तक गंदा कपड़ा क्यों पहने हुए हैं तो उन्हें यह बताना पड़ता है कि राष्ट्रीय जल बचाओ अभियान में सक्रिय भूमिका दे रहे हैं। जब आप यह सब नुस्खा आजमाते हैं तो गुणवंती पत्नी जी यह सोचने पर विवश हो जाती हैं कि पति के रूप में गधा उनको मिला है कि बैल।
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