मैं बिहार शरीफ का वॉच टावर हूँ..!
मुझे इस तरह चमकता देखकर तुम्हारे कलेजे पर साँप लोट रहा है न! साँप लोटना भी चाहिए...!
देखो तो, मुझे कितना बदनाम किया तुमने..!
हाथ में एक मोबाइल रूपी यंत्र क्या आ गया, सबके चरित्र पर प्रश्नचिह्न लगाने लगे..!
लगता है जैसे आदमी का जन्म ही दूसरों का चरित्र हनन करने के लिए हुआ हो।
बोलो तो, मेरे बारे में क्या-क्या नहीं कहा गया...
कहा गया कि घड़ी उल्टा समय बताती है!
कहा गया कि चालीस लाख की लागत लगी है..!
और देखो, सबने कैसे विश्वास कर लिया।
बिहार के एक-से-एक "वन-डमरू यूट्यूबर", पैदल माथा वाले, सब चिल्लाते रहे...!
जुल्म हो गया! मैं, चुपचाप खड़ा रहा। अडिग खड़ा रहा।
और मैंने साबित किया—सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं..!
आज मैं चमक रहा हूँ! दमक रहा हूँ..!
और वही लोग, जिन्होंने मुझे बदनाम किया, आज मेरी रंगीन तस्वीर को चमका रहे हैं।
हे आदमी! किसी भी बात पर भरोसा करने से पहले उसे परख लो...
किसी को यूँ ही बदनाम मत करो... समझे...?
हालाँकि... समझोगे तो नहीं ही... खैर..! @arun sathi
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