सोशल मीडिया के बहादुरों जमीन पर आओ
अरुण साथी (बरबीघा, बिहार)
आज ही (25/10/16) मिट्टी के दिये बनाते कुम्हारों से मिला। सोंचा जब सोशल मीडिया पे चायनीज सामान के बहिष्कार का हंगामा है तो खुशहाली की लक्षमी कुम्हारों के घर पहुँच गयी होगी। पर नहीं, कुम्हारों पे इसका कोई असर नहीं।
पिछले साल भी 30 से 40 रूपये प्रति सैंकड़ा दीया था, इस साल भी है। खरीददार अभी तक उनके पास नहीं पहुंचे है सो स्टॉक भी पिछले साल के अनुसार ही है। खरीददार रहते तो शायद स्टॉक बढ़ता।
देखिये कैसे अपनी बेटी को जमीन पे सुला कर एक कुम्हार दीया बना रहा है, उसकी आँखों में बेटी के परवरिश के सपने है।
हो सकता है बाद में दीया न मिले,
चलिये अभी ही मिट्टी का दीया खरीद लें ताकि और दीया बनाया जा सके..जागो भारत जागो..
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