मैं भी बनूंगा विधायक..
अरुण साथी (व्यंग्य)
सोशल मीडिया पे जैसे ही मैंने चुनाव लड़ने की बात लिखी वैसे ही टिप्पणियों का सैलाब आ गया। जैसे कोसी नदी का मुंह किसी में मेरे तरफ ही सीधा कर दिया हो। टिप्पणियों के सैलाब में डूबता-उतरता एक-एक का जबाब ऐसे दे रहा है जैसे शाम में सियार बोल रहा हो।
सभी की वाहवाही से मन खुशियों के समुंदर में डूब गया। वाह! इतने लोग! मेरी अपनी प्रसिद्धि का उसी दिन मुझे एहसास हुआ। खैर, झाड़ पे चढ़ाना सुना था। अब सोशल मीडिया पे फूलना देख लिया।
खैर, मैंने अपने कुछ दोस्तों को लगाया। किसी भी पार्टी से टिकट खरीदो भाई। उचित दाम पे। कई दोस्तों ने टिकट खरीदने के दावे कर दिए। बस दाम सुन के पैर तले की जमीन जो खिसकी पाताललोक में धड़ाम से गिरा। एक दोस्त ने फिर चढ़ाया। जितना लगाना हो लगा दो। यह तो इन्वेस्टमेंट है। एक लगाओ। एक करोड़ पाओ।
फिर भी हारना कहाँ सीखा था। व्हाट्सएप विश्वविद्यालय से प्राप्त ज्ञान में बताया गया था कि राजनीति करने के घठाहा होना जरूरी है। सो गांठ बांध लिया। लड़ूंगा।
मैं अपने समाजसेवा के क्षेत्र में किये गए अपने महान कार्यों को याद करने लगा। इस कोरोना काल में गरीबों के बीच तेरह मास्क बांटे है। ढाई सौ ग्राम से इक्कीस पैकेट का बंटवारा किया। हाँ, यह अलग बात है कि एक एक तस्वीर को हर रोज रोज ऐसे डाला जैसे सोनू सूद को मैंने ही पछाड़ दिया हो। सबका एलबम बनाया। और अभियान में शुरू हो गया।
अपना मूल्य-वान वोट मुझे दीजिये!
बस वोट का मूल्य कान में बिलिये!!
फिर क्या..
अपना बॉयोडाटा बनाया।
खुद को सोनू सूद का
छ्छेड़ा भाई बताया।
जनांदोलन की तस्वीर भी
सेटिंग से बनवाया।
सभी पार्टियों के कार्यालयों
में उसे भेजवाया।
अब मीडिया मैनेजमेंट
का मामला आया।
सबसे आसान सभी ने
उसे ही बताया।
सभी मीडिया घरानों के बंधुओं ने
मिलकर दंडवत फरमाया।
सभी ने पीत-पत्रकारिता के
अपना अपना दाम बताया।
कुछ को चाय पानी के रेट
तो कुछ मोटा दे निबटाया।
फिर अगले दिन से मुझे ही
सबसे तगड़ा कैंडिडे बताया।
कुर्ता पैजामा सिलाया।
साथ रहने को मुर्गे पे
कुछ को पटाया।
गांव गांव घूम आया।
लोगों को दुख दूर करने
का किरिया भी खाया।
सुपरहिट कहानी अभी बाकी है दोस्त...देखते रहिये नंबर 1 ड्रामा सीरियल...
लाजवाब :)
जवाब देंहटाएंस्नेह से ही सब संभव है
हटाएंवाह!!!👌👌👌
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब !!
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हटाएंदिल से सुक्रिया
वाह !बेहतरीन 👌
जवाब देंहटाएंthanks
हटाएं"यह तो इन्वेस्टमेंट है। एक लगाओ। एक करोड़ पाओ।" .. व्यंग्य की पराकाष्ठा ..
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार
हटाएंदिल से सुक्रिया
बेहतरीन
जवाब देंहटाएंसार्थक और सुन्दर।
जवाब देंहटाएंदूसरे लोगों के ब्लॉग पर भी टिप्पणी किया करो।
आपके यहाँ भी कमेंट अधिक आयेंगे।
जी आगे से ध्यान रखूंगा, अर्शीवाद
हटाएंआपका बहुत बहुत आभार
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