अरुण साथी की कलम से
70 वर्ष की उम्र में पहला जन्मदिन मनाना सुनकर अटपटा लग सकता है। परंतु यह हकीकत है। दरअसल, बरबीघा के प्रख्यात चिकित्सक, सेवा निवृत सिविल सर्जन डॉक्टर कृष्ण मुरारी प्रसाद सिंह का पहला जन्मदिन सोमवार को धूमधाम से मनाया गया। जिले के ख्यातिलब्ध लोगों का जुटान हुआ। हैप्पी बर्थडे के धुन पर लोगों ने ठुमके भी लगाए और प्रेम के मधुर रस में डूबे व्यंजनों का आनंद भी उठाया।
दरअसल, पूर्व सिविल सर्जन डॉ कृष्ण मुरारी प्रसाद सिंह का यह पहला जन्मदिन था। आज से ठीक 1 साल पहले उनका किडनी प्रत्यारोपण किया गया था। जीवन और मौत से उन्होंने कई साल लड़ाई लड़ी ।
पहला जन्मदिन इस मायने में ही खास हो जाता है जब उनका किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हुआ था वह दौर कोराेना का था । उस दौर में ये शेखपुरा के सिविल सर्जन थे। वैसे में काम का दबाव झेलते हुए सप्ताह में दो-तीन दिन बिहार शरीफ में डायलिसिस करा कर अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन करते हुए अपने निजी चिकित्सालय का भी संचालन करना आम बात नहीं थी ।
कोरोना के उसे दौर में स्वस्थ आदमी भी घरों से निकलने से डरता था और ये डायलिसिस करा कर लगातार काम में जुटे रहे । नेकी का यह परिणाम रहा है कि इनका इस उम्र में भी किडनी प्रत्यारोपण सफल रहा। बड़ी संख्या में लोगों की दुआओं और प्रेम का ही यह परिणाम था।
आज उदार हृदय से उन्होंने जन्म दिन पर लोगों से मिले। झूमते दिखे। वास्तव में थोड़ी भी ऊंचाई मिलने पर लोग सबसे पहले समाज से कटने लगता है। कई तरह के कुतर्क है। ऐसे में मुरारी बाबू का जबरन समाज में जुड़ना। धुलना मिलना। सामाजिक सरोकार में भागीदारी। आज के इस एकाकी दुनिया में प्रेरक है। हमे इनसे यह सीखना चाहिए। शतायु की हार्दिक शुभकामनाएं।
प्रेरणादायक ।
जवाब देंहटाएंडॉ के एम पी सर के हौशले को सलाम।