आदर्श विद्या भारती में इसका आयोजन किया गया था। इसमें संत मेरिस इंग्लिश स्कूल की बेटियों ने इसी मुद्दे को मुखरता से रखा और सामाजिक प्रताड़ना, पितृसत्तात्मक समाज में भेदभाव और दमन को अपने अभिनय से जीवंत कर दिया।
इस जिवंत मंचन को देखकर सभी उदास हो गए। इसकी खूब तारीफ भी हुई । समाज में बदलाव बेटियों के द्वारा ही संभव है। पितृसत्तात्मक समाज में हम आज भी बेटियों को दमित करके ही रखना पसंद करते हैं।
सुन्दर
जवाब देंहटाएंबेटियाँ हमेशा से आगे रही हैं ... अब उस पर बहस भी हो रही है ये अच्छी बात है ...
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