03 मार्च 2024

अथ श्री चोंगाधारी कथा

बात नगर पालिका के सफाई कर्मियों के संगठन झाड़ू बुहारू महा गठबंधन अध्यक्ष चुनाव का है। चाय नाश्ते से सदस्यों को मनाने से बात नहीं बनी तो मुर्गा के साथ-साथ बिहार में प्रतिबंधित और सर्वसुलभ पेय का उपयोग किया गया।

बिहार में  प्रतिबंधित पेय का उपयोग मच्छर भगाने वाला फाटक से फुर्र  वाले गुड नाईट की तरह तुरंत काम करता है।

(रामबाण की तरह काम करना लिखना आज खतरे से खाली नहीं है। पता नहीं कौन से भक्त की भावना आहत हो और वह कहीं भी अघात कर आहत कर दे।)

 खैर, खेलावन अध्यक्ष बन गए। वहीं नगर में संचालित सार्वजनिक इज्जत घर के अध्यक्ष अपने प्यारे चापलूसों को बनाया। फिर नगर भर में ढिंढोरा पिटवाया। नहीं, ढिंढोरा पुराने तरीके से ढोल बजाकर नहीं पिटवाया। खेलावन अंगूठा छाप होते हुए भी इस्मार्ट मोबाइल न सिर्फ रखते हैं, उसे चलाना भी जानते हैं। खादी का कुर्ता, पजामा और समय-समय पर रंग बदलने वाला गमछा रखना भी सीख गए हैं।

 उनके पास नगर के कई नामचीन चोंगा धारी का नंबर भी है जो एक सेकेंड में अमेरिका के राष्ट्रपति को गद्दी से उतारने और बैठाने जितना ताकत रखते है।


 मोबाइल में भौंक कर खेलावन ने सभी को नागरिक अभिनंदन का न्योता दिया। कहा, नगर के सुप्रसिद्ध सार्वजनिक इज्जत घर के प्रांगण में मेरा नागरिक अभिनंदन किया जाएगा। इस मौके पर आपको आना ही पड़ेगा क्योंकि वहां टंगड़ी कबाब के साथ-साथ एक-एक हरा पत्ता का उपहार सार्वजनिक तौर पर दिया जाएगा।

सार्वजनिक इज्जत घर के अध्यक्ष बनडमरू अपने नए नेता का यह उदारवादी चेहरा देखकर हैरान था! उसमे तो इसे मैला पर पड़े  सिक्का को चुराते देखा है!

 उसने पूछा, गुरुदेव यह सब अवगुण आप कहां से सीखे।  खेलावन खिलखिला उठा। कहा, आगे बढ़ाना है तो आगे बढ़ चुके लोगों से सीखो। मैं जहां-जहां सफाई का काम किया, वहां सीखने पर ही ध्यान दिया । कैसे सबकुछ मैनेज कर रातों-रात नेता छा जाता है। यह सब वही विद्या है। फिर खेलावन ने कुछ नोट बनडमरू के हाथ में रख, बोले इससे नागरिक अभिनंदन का खर्च करना। बड़ा माला मंगाना। कुछ लोगों को नारा लगाने के लिए अलग से फीस देना। बढ़िया खाना मिलेगा, लोगों को बुलाना।

सब कुछ बढ़िया रहा तो अगली बार तुमको नगर अध्यक्ष बना देंगे । पर गुरुदेव, फिर आपका क्या होगा..? मेरा जय-जय का नारा लगाते रहो । इस बार एमएलए का चुनाव लड़ लेंगे। जय मीम।

 अगले दिन सभी के मोबाइल पर खेलावन गरज रहा था। गरज कर बोलना भी उसने सीख लिया था। हालांकि दूध में गिरे मक्खी की तरह एक चोंगाधरी ने पूछ लिया, सुना है इज्जत घर घोटाले में आपका हाथ है। वहां मूत्र विसर्जन करने वालों से भी वसूली हुई है। इस तरह के प्रश्नों का जवाब देना भी खेलावन सीख गए थे। कहा कि छोटी जाति होने की वजह से उन्हें बदनाम किया जा रहा है। यह सब विरोधी का काम है । जनता का समर्थन उनको मिला हुआ है।

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