एडमिन,
अरुण साथी
ग्रुप के आदरणीय एडमिन स्वयं को मोडी जी से कम नहीं बुझते! बुझे भी क्यों ? जैसे देश के भांति-भांति के प्राणी को संभालना मोडी जी के लिए मुश्किल है, वैसे ही ग्रुप में भांति-भांति के प्राणी को संभालना मुश्किल होता है।
इतना ही नहीं, जैसे मोडी जी को ध्रुत लाठी, रबिश कुंभार, अमित उलज्जुम, सच्च्छी जैसे का कोपभाजन होना पड़ता है, वैसे ही ग्रुप एडमिन को भी तानाशाह का प्रमाण पत्र अक्सर मिलता रहता है।
जैसे अमित भारतीय जैसे मोडी जी के भक्त होते है वैसे एडमिन के भी होते है। एडमिन ने ग्रुप में छींक क्या दिया, जय जय शुरू।
जैसे मोडी जी अपने विरुद्ध आवाज सुनना पसंद नहीं करते वैसे ही एडमिन भी।
जैसे मोडी जी अपने विरुद्ध आवाज उठाने वाले को पार्टी निकाल बाहर करते है वैसे ग्रुप एडमिन भी ।
हां, एक बात में मोडी जी से एडमिन अभी उतना ही दूर है जितना मंगल ग्रह। वह बात है विरोध की आवाज उठाने वाले को जेल भेजना। जैसे केजरी बवाल, हेलमंत छोडेन आदि, इत्यादि। कौआ को बगुला बनाने की कला में भी एडमिन मोडी जी से बहुत पीछे है।
अच्छा ऐसा नहीं है कि ग्रुप एडमिन मोडी जी और लाडू प्रसाद जादभ जी जैसा लोकप्रिय नहीं हो सकता। इसके लिए अपने अपने जाति धर्म का ग्रुप बना कर लोगों को उसके मन के अनुसार धर्म और जाति का नशा कराते रहे। चुपचाप, सब नाश। फिर सब खुश रहेगा।
"जैसे देश के भांति-भांति के प्राणी को संभालना मोडी जी के लिए मुश्किल है" से असहमत | सारा तो वो ही संभाल रहे हैं हजूर आप को इतनी गलतफहमी होगी नहीं सोचे थे |
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