07 जून 2024

धन्य धन्य पतिदेव, धन्य धन्य धनिया, धन्य मोदी जी

 धन्य धन्य पतिदेव, धन्य धन्य धनिया, धन्य मोदी जी 


अरुण साथी

आजकल धरम बढ़ और करम घट गया है। कोई पूजा-पाठ हो। सोशल मीडिया पर रिल्स, सेल्फी, चित्र का ऐसा ज्वारभाटा आता है की उसमे बड़े बड़े अधार्मिक जहाज डूब जाते है। अब भला डिजिटल युग में धर्म को आचरण में उतारने की जरूरत क्या है? फेसबुक पर उतार रहे, यही क्या कम है!


नवरात्र में कन्या पूजन, कड़वा चौथ, तीज, वट सावित्री में पति पूजन। वट सावित्री में पति पूजन की तस्वीर देख कर जिनकी पत्नियों ने वट सावित्री पूजन नहीं की, उनका करेजा फट जाता है। कई तरह का जेवर पहन, सोलह शृंगार कर धनिया सुबह सुबह हाथ का पंखा लेकर बरगद के पेड़ की पूजा करने निकली। पूजा की थाली लेकर जैसे ही दरवाजे से धनिया निकली तो वह जोर से रंभाई। मेरा मोबाइल छूट गया है, दे दो। 

अब पतिदेव को पूजन का महत्व समझ आ गया। रील्स और सेल्फी का सर्वोत्तम प्रसाद वितरण जो करना है।

खैर, कई दंभी पति पूजन के बाद पंखा झला कर, पांव छुआ कर, फेसबुक पर फोटो लगा कर, दूसरे पतियों को हीनता से भर देते हैं। वे अपने दुर्भाग्य को कोसते है। उनको ऐसी गुणी पत्नी क्यों न मिली?

खैर, अब किसी भी पूजा में मोबाइल उतना ही अनिवार्य हो गया है जितना पान, फूल, कसेली । धार्मिक उत्थान के इस महायज्ञ में मोबाइल की अनिवार्यता को सुनिश्चित करने में मोदी जी की महत्ती भूमिका रही है। उन्होंने सारे पूजा-ध्यान में मोबाइल की उपयोगिता को प्रोत्साहित करने के लिए ही  गालियां सुनकर भी ध्यान की अपनी तस्वीर वायरल की है। 

उनका मानना है की पूजा ध्यान में मोबाइल की अनिवार्यता का अपना सांस्कृतिक और पौराणिक महत्व है। पाश्चात्य संस्कृति वालों ने आर्यावर्त, भरतखण्ड , जम्बूदीप की संस्कृति, सभ्यता और विकास को नीचा दिखाने में इतिहास को तोड़ मरोड़ दिया है। अभी मोहनजोदड़ो की खोदाई में मोबाइल उपयोग का प्रमाण मिला है। मिला है कि नहीं। महाभारत में संजय तो दूरदर्शन का सीधा प्रसारण ही करते थे । सो उन्होंने मोबाइल को अपने पूजा ध्यान में स्थान दिया तो उनपे इतना क्यों बिगड़ते है।

जब बात मोबाइल की अनिवार्यता की हो रही है तो फिर यह शोधार्थी के शोध का विषय है कि मोबाइल की वजह से हमारी धार्मिक आस्था में अपार वृद्धि हुई है। धर्म स्थलों पर अपार भीड़ में मोबाइल का सबसे बड़ा योगदान है। घरों में भी एकासी, बेरसी जैसें विलुप्त होते धार्मिक अनुष्ठानों को बढ़ावा मिला है।

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