मनुष्यों की लालच और पशुता ने प्राकृतिक संतुलन बिगाड़ दिया। पेड़ काट दिए, जंगल नष्ट कर दिए, और जानवरों को बेघर कर दिया। कुत्ता ऐसा जीव है जिसने हजारों साल पहले मनुष्य के साथ सहजीवन अपनाया और पत्थर के जंगलों में भी जीना सीखा।
सच है, कुत्तों से जुड़े कुछ खतरनाक मामले सामने आए हैं, लेकिन अपवादों के आधार पर पूरी प्रजाति को दंडित करना न्यायसंगत नहीं। जैसे एक मनुष्य की गलती पर पूरे समाज को सजा नहीं मिलती, वैसे ही कुछ घटनाओं के कारण सभी कुत्तों को अपराधी मानना गलत है।
समाधान शोध और संतुलित नीति से निकले, न कि ऐसे फैसलों से जो जानवरों के अस्तित्व को ही संकट में डाल दें।
मोदी जी मनुष्य हैं | उनकी तो है | :)
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