12 अगस्त 2025

यह धरती केवल मनुष्यों का नहीं है..

यह धरती केवल मनुष्यों की नहीं, बल्कि जानवरों, पेड़-पौधों और सभी जीवों की साझा संपत्ति है। हाल ही में दिल्ली की गलियों से कुत्तों को हटाकर उन्हें कैद करने का निर्णय सामने आया, जिस पर पक्ष और विपक्ष में बहस शुरू हो गई। गांवों में कुत्ता चौकीदार की तरह रात में पहरा देता है, अजनबी को जान कर भौंकता है और लोगों को सतर्क करता है। पहले हर कुत्ते का कोई न कोई घर होता था, लोग बाहर खाना रख देते थे, इसलिए वे आवारा नहीं थे। लेकिन आज हमने उनका घर, जंगल और आश्रय छीन लिया। 
मनुष्यों की लालच और पशुता ने प्राकृतिक संतुलन बिगाड़ दिया। पेड़ काट दिए, जंगल नष्ट कर दिए, और जानवरों को बेघर कर दिया। कुत्ता ऐसा जीव है जिसने हजारों साल पहले मनुष्य के साथ सहजीवन अपनाया और पत्थर के जंगलों में भी जीना सीखा।
सच है, कुत्तों से जुड़े कुछ खतरनाक मामले सामने आए हैं, लेकिन अपवादों के आधार पर पूरी प्रजाति को दंडित करना न्यायसंगत नहीं। जैसे एक मनुष्य की गलती पर पूरे समाज को सजा नहीं मिलती, वैसे ही कुछ घटनाओं के कारण सभी कुत्तों को अपराधी मानना गलत है।
समाधान शोध और संतुलित नीति से निकले, न कि ऐसे फैसलों से जो जानवरों के अस्तित्व को ही संकट में डाल दें।

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