चिकित्सा कार्य करने को भले ही समाज सेवा का कार्य माना जाता हो पर यहां के एक चिकित्सक ने नौकरी का झांसा देकर पच्चीस लाख ठग कर फरार हो गए। इस सम्बंध में प्राप्त समाचार के अनुसार बरबीघा अस्पताल रोड में विपिन सिंह के मकान में कुछ माह पूर्व डा. प्रेम कुमार नामक एक चिकित्सक ने अपनी निजी िक्लनिक खोली तथा मरीजों का ईलाज करने लगे। आने के तुरन्त बाद ही चिकित्सक के द्वारा मरीजो का ईलाज कम और नौजवानों को नौकरी लगाने का झांसा अधिक देने लगे और इसी झांसे में आकर कई युवाओं और उनके अभिभावकों ने प्रति सदस्य एक से डेढ़ लाख की राशि नौकरी के नाम पर दे दिया। माउर गांव निवासी बिहारी सिंह के पुत्र नीतीश कुमार ने बताया कि डाक्टर ने उसके पिता को इलाहाबाद रेलवे में अपने भाई के डीआरएम होने का झांसा दिया और इसी वजह से उसे पैसा दिया गया। बताया जाता है कि रविवार की रात चिकित्सक रातों रात अपना बोरिया बिस्तर लेकर फरार हो गया और जब लोग उसे ढुढते हुए उसके किराये के मकान में खोजने गए तो वहां कुछ नहीं मिला। लोग बताते है कि चिकित्सक एक युवती के साथ रहते थे जिसे वे अपनी बहन बताते थे। लोगों ने चिकित्सक की मोटरसाईकिल को जब्त कर चिकित्सक को खोजने का काम कर रहे है। चिकित्सक के भाई को खोजने के लिए इलाहाबाद भी लोग हो आए पर वहां कुछ नहीं मिला और थक कर लोग आरा गए है जहां कथित रूप से डा. प्रेम कुमार अपना घर बताते थे। बात चाहे कुछ हो पर चिकित्सक के द्वारा नौकरी के नाम पर झांसा देकर ठगी करने के इस मामले में चिकित्सक समाज को भी शर्मशार करता है।
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यह धूर्त चिकित्सक भी नहीं रहा होगा...शुक्र है पैसा गया है जान नहीं..
जवाब देंहटाएंनौकरी के नाम पर झांसा
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