मगही पत्रिका परिवार का वार्षिकोत्सव सह बसन्तोत्सव का आयोजन।
कई राज्यों कवि एवं साहित्यकार ले रहे है भाग।
बरबीघा
श्री कृष्ण रामरूचि महाविधालय, बरबीघा में मगही पत्रिका परिवार का वार्षिकोत्सव सह बसन्तोत्सव का धूूमधान से आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन डा0 दिवेश चन्द्र मिश्र द्वारा किया तथा अध्यक्षता श्री मिथिलेश द्वारा की गई। कार्यक्रम की उद्घाटन सत्र में देश एवं राज्य के विभिन्न हिस्सों से आये मगही साहित्यकारों का परिचय एवं सम्मान किया गया। इस अवसर पर प्रसिद्ध मगही साहित्यकार गोपाल मिश्र को श्रद्धाजलि देते हुए उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व को स्मरण किया गया।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में दीनबंधु रंजीत, जयराम देवसपुरी, दयाशंकर सिंह बेधड़क जयनंदन, कृष्ण कुमार भट्ट सहित दर्जनों कवियों ने मगही कविता का पाठ कर उपस्थित श्रोताओं के मंत्रमुग्ध किया। दिनांक 3 एवं 4 मार्च को होने वाले दो दिवसीय आयोजन में मगही गध विद्या का विकास कैसे विजय पर परिचर्चा होना है।
मगही पत्रिका के सम्पादक सह प्रकाशक श्री धनंजय श्रोत्रिय ने बताया कि मगही की तीन पत्रिकाऐं मगही बंग मागधी एवं झारखंड मागधी का प्रकाशन क्रमशः दिल्ली, कार्यकर्ता एवं रॉची से किया जा रहा है। कार्यक्रम में मगही के विकास के उपायों पर चर्चा की गई। इस अवसर पर महाविधालय के प्रधनाचार्य डा0 गजेन्द्र प्रसाद, डा0 भवेश चन्द्र पाण्डेय, अरविन्द मानव, घंमंडी राम, वीणा मिश्र आदि उपस्थित थे।
स्वागताध्यक्ष श्री उमेश देवसपुरी ने आगत साहित्यकारों का स्वागत किया।
मगही पत्रिका के सम्पादक सह प्रकाशक श्री धनंजय श्रोत्रिय ने बताया कि मगही की तीन पत्रिकाऐं मगही बंग मागधी एवं झारखंड मागधी का प्रकाशन क्रमशः दिल्ली, कार्यकर्ता एवं रॉची से किया जा रहा है।
जवाब देंहटाएं'बंग मागधी' का प्रकाशन 'कार्यकर्ता' से नहीं, बल्कि कलकत्ता से और 'झारखंड मागधी' का प्रकाशन 'रॉची' से नहीं, बल्कि 'राँची' से किया जा रहा है ।