पूरे बिहार में धान खरीद को लेकर खुलेआम लूट मची हुई है। करोड़ों-अरबों की इस लूट में पदाधिकारियों, पैक्स अध्यक्षों और बैंकों की मिलीभगत से यह सब हो रहा है। किसान 1100 रूपये प्रति क्विंटल धान को बाजार भाव में बेच रहंे है और वही धान पैक्स अध्यक्ष और पदाधिकारी खरीद कर एफसीआई को दे रहें है जहां उनको 1660 रू0 मिल रहा है। आलम यह है कि जो किसान खेती भी नहीं करते और बाहर रहते है उनके रसीद पर भी धान के बेच दिया गया है और इस सब में बैंक की मिलीभगत भी है जहां किसान के नाम पर नकली खाता खोल कर चेक को भंजा दिया जा रहा है।
इस लूट की छुट पर सभी मौन है क्योंकि बड़ी मोटी रकम सबको मिलती है पर इसकी गहनता से जांच हो तो अरबों रू0 का घोटाला सामने आए...
इस लूट की छुट पर सभी मौन है क्योंकि बड़ी मोटी रकम सबको मिलती है पर इसकी गहनता से जांच हो तो अरबों रू0 का घोटाला सामने आए...
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शुक्रवार (13-03-2015) को "नीड़ का निर्माण फिर-फिर..." (चर्चा अंक - 1916) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'