26 मार्च 2015

√प्रेम विवाह कर भज्जू को अपराध की दुनिया छोड़ने पर विवश किया था नेहा ने.. √अपराधियों ने कर दी हत्या ।

(बरबीघा, बिहार) ‘‘सब कहो हल कि क्रिमनलबा से लव मैरेज कैलहीं हें रांर होके रहमी, से हो गेल रे दैयबा...’’ कुख्यात अपराधी भज्जू महतो की हत्या के बाद शव के पास जार जार रोती उसकी पत्नी नेहा के मुंह से यही शब्द निकल रहे थे। नेहा ने भज्जू के साथ दूसरी शादी की थी। पहली पत्नी ने आत्महत्या कर ली थी। नेहा भज्जू को अपराध की दुनिया छोड़ने पर मजबूर किया था और अब वह बरबीघा के शिवाजी नगर मोहल्ले में किराये के मकान में रहकर बेलोरा, ट्रेक्टर, जेसीबी रखकर व्यापार कर रहा था। जिस समय गोली मारी गई वह घर के लिए अपने माथे पर मसूर की दाल रख कर पैदल डेरा जा रहा था।
बिंद थाना के नेरूत निवासी नेहा ने एक साल पहले ही भज्जू से प्रेम विवाह किया। गोपालबाद निवासी भज्जू की पहली पत्नी ने आत्महत्या कर ली थी। पहली पत्नी से उसे नौ साल का एक लड़का और छः साल की एक लड़की थी जिसे वह बरबीघा के ही एक निजी विद्यायल में आवासीय पढ़ा रहा था। शादी के बाद नेहा ने दबाब डाल कर उसे अपराध की दुनिया से अलग किया पर अपराध की दुनिया से अलग होना संभव नहीं हो सका और उसकी हत्या कर दी गई।
बताया कि जाता है कि सोहल साल से कम उम्र में ही भज्जू महतो ने धनन्जय उर्फ हवा पहलवान के साथ मिलकर निमोछिया गिरोह खड़ा किया और नरसंहार, हत्या, जेल ब्रेक सहित अन्य कुख्यात क्राइम किए। इन आरोपों में वह जेल भी रहा और जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद उसने पहली पत्नी को मुखिया का चुनाव लड़वाया जिसमें उसकी हार हुई। 
किन्हीं कारणों से हवा पहलवान से भज्जू की अनबन हो गई और एक साल पूर्व अज्ञात अपराधियों ने सरमेरा में हवा पहलवान की हत्या कर दी और इसके बाद से ही एक बार फिर गैंगवार की आशंका पनपने लगी। इसी गैंगवार में एक बार फिर भज्जू महतो की भी हत्या कर दी जिससे इस क्षेत्र के आशंता होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। कहा भी गया है कि अपराध की दुनिया में एक सिर्फ एक ही रास्ता है इसमें आदमी आ तो सकता है पर बाहर नहीं निकल सकता और अपराध की दुनिया छोड़ व्यापार की दुनिया में आए भज्जू के लिए यही बात लागू होती है।




(सभी तस्वीर पति के शव के पास रोती नेहा की...)

3 टिप्‍पणियां:

  1. एक बार जुर्म की दुनिया में कदम पद जाएँ तो वापस कोई चाहकर भी नहीं आ पता।

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  2. जुर्म करने वालों को न घर परिवार होता है न समाज न दुनिया ,वे जिसमें रहते हैं वही उनकी दुनिया है उसी में वे मर खप जाते हैं ..
    मार्मिक ..

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