बिहार की राजनीती में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की सक्रियता ने बिहार की सियासी तापमान बढ़ा दी है। सबसे अधिक सियासी पारा लालू प्रसाद यादव के द्वारा बिहार के सबसे प्रमुख अस्पताल इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान का औचक निरिक्षण किये जाने के बाद बढ़ गया है। अस्पताल के निरिक्षण के बाद विरोधी दलों ने हमला बोल दिया है। बीजेपी नेता सुशील मोदी के सवाल पूछते हुए कहा कि लालू यादव किस हैसियत से सरकारी अस्पताल का निरिक्षण किया। इसका जबाब दे। इससे साफ होता है की बिहार की सत्ता वही चला रहे है। लालू प्रसाद एक सजायाफ्ता है और वो ऐसा करके क्या सन्देश दे रहे है इसका जबाब नितीश कुमार को देना चाहिए।
उधर लालू यादव ने जबाब देते हुए कहा की वो एक निजी अस्पताल में अपने एक मित्र को देखने गए थे और लौटते हुए आईजीआईएम्एस चले गए और मरीजों का हालचाल जाना। इसमें कोई बुराई नहीं है।
वहीँ स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव में कहा की उनके पिता अस्पताल देखने गए इसमें कोई बुराई नहीं है।
उधर हेल्थ विभाग में चल रहे हलचल में दवा दुकानों में छापेमारी को लेकर भी तरह तरह की चर्चाएं है। ड्रग्स विभाग के द्वारा दवा दुकानों और गोदामों में लगातार छापेमारी की जा रही है। सरकार इसके पीछे अवैध दवा की बिक्री पे रोक को लेकर ऐसा करने की बात कह रही है पर दवा व्यपारियों में अंदर ही अंदर इस बात को लेकर चर्चा काफी गर्म है की इसी बहाने उगाही का काम किया जा रहा है।
जिस तरह पटना के कुछ बड़े दवा व्यपारियो के यहाँ छापे पड़े और चौबीस घंटे तक एक एक चीज को खंघाला गया उससे इस बात को बल भी मिलता है। बताया जाता है की एक व्यपारी के गोदम में जब कुछ नहीं मिला तो एक्सपायरी भेजने के लिए रखी गयी दवा को ही आधार बना कर मुकदमा कर दिया गया।
इस तरह की छापेमारी पटना के साथ साथ सभी जिलों के किया जा रहा है। उगाही की बात कितनी सच और कितनी झूठ है यह तो लेने वाले और देने वाले ही जानते होंगे पर आम चर्चा इसी की हो रही है की नयी सरकार व्यपारियों को इसलिए तंग कर रही है कि वे उसके वोटर नहीं है। नवादा सहित कई जिलों में राजद नेता इस मामले को मैनेज कर रहे है जिससे इस चर्चा को बल भी मिलता है।
खैर, लालू प्रसाद के बढे गतिविधि सिर्फ विरोधियो के ही नहीं अपनों के भी माथे पे बल ला दिए और लालू प्रसाद के जानकर बताते है को इसी रास्ते लालू प्रसाद बिहार पे अपनी पुराणी पकड़ मजबूत करना चाहते है। अब देखना होगा की नितीश कुमार से इतर लालू प्रसाद के सुपर सीएम होने के दावों को भी हवा निकल रही है।
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (09-01-2016) को "जब तलक है दम, कलम चलती रहेगी" (चर्चा अंक-2216) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'