बिहार में भाजपा के द्वारा दोहरी राजनीति की जा रही है। एक तरफ तो इसके मन्त्री मन्त्रिमण्डल में फैसले पर मुहर लगाते है और दूसरी तरफ इसके नेता सड़कों पर उतर कर विरोध करते है। भाजपा की यह दोहरी राजनीति नहीं तो क्या है कि अलिगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का शाखा किशनगंज में खोले जाने के बिहार सरकार के फैसले का विरोध करते हुए भाजपा के नेताओं के ईशरे पर विद्यार्थी परिषद के द्वारा आज बिहार बन्द के दौरान हंंगामा और तोड़ फोड़ किया गया। विद्यार्थी परिषद के लड़कों को क्या यह नहीं मालूम की उसके ही पार्टी के मन्त्री और विधायकों ने यह काम मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति के तहत की है और अब जनता को भ्रमाने के लिए सड़कों पर तोड़ फोड़ कर जनता का ही नुकसान कर रही है। बुरा हो ऐसे राजनीतिज्ञों का जो इस तरह का दोहरा चरित्र तो रखतें है और सोचते है कि किसी को पता भी न चले। जनाब भाजपाईयों दम है तो सरकार को गिराने की बात कर बिल को रोबाओं या रजाई ओढ़ कर घी पीते रहना है। पर भैया सावधान पब्लिक है सब जानती है.............
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भाजपा का ये दोहरा चरित्र पहली बार उजागर नहीं हुआ है। राम के नाम पर सत्ता हासिल करने वाली इस पार्टी ने हिन्दुओं को खूब बेवकूफ बनाया है। अब जनता जाग चुकी है। बिहार में जो कुछ भी हो रहा है उसे जनता समझ रही है। अब चुनाव में जीत उसी की होगी जो प्रदेश का विकास करेगा। सभी जानते हैं कि प्रदेश का विकास कौन कर रहा है। अतः भाजपा के दोहरे चरित्र से कोई फर्क नहीं पड़ता। हां..इतना जरूर कहना है कि बिहार बहुत पिछड़ गया है। सरकार को मौका दीजिए जरा वो इसे विकास की पटरी पर दौड़ा पाने में कामयाब हो जाए। इसके लिए सरकार को समय चाहिए और जनता को विकास के लिए सरकार को भरपूर समय और समर्थन देना चाहिए।
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