फोटो युक्त मतदाता सूची बनाने में शिथिलता को लेकर जहां 90 बीएलओं (मतदाता सूची बनाने वाले शिक्षक) का वेतन निकास पर रोक लगाते हुए जिलाधिकारी के द्वारा स्पष्टीकरण मांगी जा रही है वहीं इस काम लगे बीएलओं इस बात को लेकर परेशान है कि उनके द्वारा सुधार का काम तीन बार करके दिया गया और जिला से उसमें कोई सुधार नही की गई। अब आलम यह कि फोटो युक्त मतदाता सुची बनाने के नाम पर बीएलओं को यह निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी हाल में 90 प्रतिशत फोटो युक्त सूची को पूरा नही ंकी तो कार्यवाई होगी। परिणाम यह कि 90 प्रतिशत पूरा करने को लेकर बीएलओं के द्वारा जो लोग कुछ दिनों के लिए बाहर गए है उनका भी नाम काटा जा रहा है ताकि प्रतिशत को पूरा किया जा सके। बीएलओ के सामने निगलों तो अंधा और उगलों तो कोढ़ी बाली स्थिति बन गई है। एक तरफ जहां गांव में ग्रामीणों को विरोध इस बात को लेकर हो रहा है कि तीन तीन बार फोटो दिया गया पर सुधार नहीं हुआ तो वहीं पदाधिकारी के स्तर पर कार्यवाई की धमकी मिल रही है।
कुल मिला कर इसका खामियाजा आम मतदाताओं को चुनाव के समय में भगुतना पड़ेगा जब उनका नाम मतदाता सूची में रहेगा ही नहीं क्योंकि 90 प्रतिशत पूरा करने को लेकर बीएलओं धड़ल्ले से नाम को काट रहें है और लोग यह सोंच कर नििश्चन्त है की उन्होने तो फोटो दे ही दिया है।
सरकार के निर्देश के आलोक में जिला प्रशासन का पूरा महकमा कई बैठकें आयोजित कर फोटो मतदाता सूची सुधारने को लेकर परिश्रम करते है और बच्चों की शिक्षा वाधित कर इस काम को मुकम्मल करने की कवायद होती है पर लगातार दो तीन सालों में सुधार की इस प्रक्रिया में सुधार होता ही नही। आलम यह कि जिस गलती को सुधारने के लिए सारी कवायद की जाती है और महीनों परिश्रम किया जाता है सुधार के बाद जिला प्रशासन के द्वारा जारी फोटो मतदाता सूची वही गलती रह जाती है और ऐसा किसी तकनीकि गलती की वजह से नहीं रहती बल्कि जिसके द्वारा इस कार्य को अंजाम दिया जाता है वह जानबूझ का गलती को सुधारना ही नहीं चाहता। निविदा पर काम करने वाले की इस मानसिकता की वजह से ही लगातार तीन बार मतदाता फोटो सूचि सुधारने का काम किया गया है पर नतीजा शिफर ही रहा।
निर्वाचन आयोग के द्वारा चलाए जा रहे फोटो युक्त सूची बनाने के इस अभियान को निवादा पर काम करने वालों के द्वारा टांय टांय फिस्स कर दिया जा रहा है। महिला के नाम की जगह पुरूष का तस्वीर तथा पुरूष के नाम की जगह महिला की तस्वीर चस्पा कर दिया गया है। इतना ही नहीं एक ही तस्वीर को 12 नामों के जगह लगा दिया गया।
बहरहाल फोटो युक्त मतदाता सूची बनाने के नाम पर लोगों का नाम मतदाता सूची से धड़ल्ले से काटा जा रहा है राजनीतिक दल खामोश है।
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