बरबीघा पुलिस की पुलिसीया जुल्म एक बार फिर से सामने आई है। पुलिसीया जुल्म से आहत महिला चित्कार कर कहती है ``बचाहो सरकार पुलिसवा पैसा खा कर जुल्म कर रहलै है। मरियो खैलिऐ और अब जेलो जैबै।´´ यह कहना है शान्ति देवी का। एक जमीन के मामले में पुलिस पर लोगों के द्वारा पैसा लेकर मदद करने का आरोप लगाया जा रहा है और पुलिस की कार्यवाही भी इस बात की पुष्टी करती है। बरबीधा के सामाचक त्रिमुहानी स्थित पुस्तैनी जमीन को शान्ति देवी के द्वारा अपना पैत्रिक जमीन बताया जा रहा है जबकि आनन्द मोहन नामक व्यावसाई कें द्वारा इसे खरीदे जाने का दाबा किया जा रहा है। इस मामले को लेकर पिछले तीन दिनों से तनाव बना हुआ है और पुलिस आनन्द मोहन की तरफ से जमीन पर दाबा दिलवाने के लिए हरसम्भव प्रयास कर रही है पर महिलाओं के दबाब की वजह से वह सफल नहीं हो पा रही है। आन्तत: आज जब फिर आनन्द मोहन के द्वारा विवादित जमीन पर दाबा दिया जाने लगा तो शान्ति देवी सहित कई महिलाऐं दावा देने से मना करती हुई दाबें में लेट गई। घटना की सूचना के बाद पुलिस घटना स्थल पर पहूंची पर पुलिस ने आनन्द मोहन का साथ लेती हुई महिलाओं को पिटने की बात कही और फिर क्या था आनन्द मोहन एवं उनके समर्थक छोटे स्वर्णकार, नगेन्द्र स्वर्णकार सहित अन्य लोगों ने महिलाओं को पुलिस के सामने पिटना शुरू कर दिया। इस घटना के बाद मां को पिटता देख जब महेश नामक युवक जब बचाने गया तो उसे भी पीटा गया। मामले में महिला शान्ति देवी धायल हो गई पर पुलिस ने महेश कुमार एवं शान्ति देवी को गिरफ्तार कर लिया और मारने वाला आराम से थाने में धूमता रहा है। पिड़ित लोगों की माने तो पुलिस उन पर जमीन पर से दाबा छोड़ देने का दबाब बना रही है।
मामले को लेकर विस्तृत जानकारी के अनुसार यह जमीन राधा स्वामी नामक धार्मिक संगठन की बरबीघा शाखा की संचालिका एवं पेशे से शिक्षिका का है और आज से 35 साल पहले का कागजात आनन्द मोहन के द्वारा पेश कर बेशकीमती जमीन पर अपना दाबा ठोका जा रहा है पुलिस की मदद से उस पर कब्जा करना चाहता है।
मामले के सम्बंध में थानाध्यक्ष की माने तो महिला शान्ति देवी एवं महेश कुमार के द्वारा पुलिस पर हमला किया गया और इसको लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी गई है इसलिए हिरासत में लिया गया है।
बेहद शर्मनाक घटना ,कानून और पुलिस का कोई तालमेल दीखता ही नहीं चारो तरफ ताकत और पैसे का बोलबला है ..
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