राम का नाम लेकर
डराने लगे है,
अब रावण ही छद्म
भक्त रूप में
आने लगे है...
है कौन जो अब
प्रतिकार करे
धर्म भेषधारी
अधर्म का बहिष्कार करे
वोट बैंक की चिंता
पक्ष-विपक्ष को
सताने लगे है
कोई इस तरफ तो
कोई उस तरह से
मशाल लिए बैठा है
मजहबी बारूद के ढेर में
आहिस्ते से सियासतदां
चिंगारी लगाने लगे है
जला कर देश ही
जला सकते हो
रोटी और रोजगार के
चीत्कार को
इसीलिए तो
नेताजी
युवाओं के हाथों में
धर्म ध्वज थमाने लगे है..
#साथी के #बकलोल_वचन
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