01 मार्च 2018

शराब पिलाओ, बिहार बचाओ

शराब पिलाओ-बिहार बचाओ
आज की ताजा खबर मैं अरुण साथी 24*7 पकाऊ चैनल से....सबसे पहले बुरा न मानों होली है...
बिहार में कई स्थापित मायने बदल रहे है। जैसे कि यह मान्यता है कि जो दिखता है वही बिकता है परंतु बिहार में ऐसा नहीं है। यहां जो नहीं दिखता है वह बिकता है ! समझ नहीं आया तो किसी से पूछिए एक ओल्ड मोंक चाहिए झट से कई नाम बता दिया जाएगा। इनमें होलसेलर से लेकर रिटेलर और डिलीवरी बॉय का नाम और नम्बर शामिल रहेगा। समझ गेला की अभियो नै, आंय!
औ विस्तार से! अच्छा सुना। 8 पीएम से लेकर रॉयल तक सब बिकता है। उसे खोजने जाइयेगा तो कहीं नहीं दिखेगा पर आपको चाहिए तो तुरंत मिल जाएगा। इस व्यपार को अदृश्य दुकानदारी व्यवस्था कहा जाता है। इसके लिए किसी सेलिब्रिटी से विज्ञापन की जरूरत नहीं होती बस सेटिंग गेटिंग करनी होती है। हाँ टैक्स तो इसमें भी लगता है। उस टैक्स को PMT कहा जाता है। इसका डिटेल मैं भी नहीं जानता। भैया जी से पूछ के बता देंगे।।

खैर अब समाचार विस्तार से।
सख्त कानून के बाद भी शराब पी रहे और बेच रहे लोगों को देख शराबबंदी खत्म करने की उठ रही मांग को लेकर गब्बर सिंह ने भी हत्या, अपहरण, लूट, बलात्कर की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए देश से इसके सख्त कानून को खत्म करने की मांग की है।
गब्बर सिंह के इस मांग के समर्थन में बड़े-बड़े महलों और अपार्टमेंटों में रहने वाले दस्यु सरदारों ने भी इस आंदोलन में भरपूर समर्थन देने का वादा किया है। सभी ने यह सहमति जताई है कि देशभर में पटेल आंदोलन और जाट आंदोलन जैसा उग्र आंदोलन करने पर इस सख्त कानून को खत्म कर दिया जाएगा।


गब्बर सिंह और उनके समर्थन में उतरे दस्यु सरदारों के एकजुटता से प्रभावित होकर नेताओं ने भी और कॉरपोरेटर और ब्यूरोक्रेट्स के साथ मिलकर राष्ट्रीय घोटाला बचाओ संघर्ष समिति का गठन कर लिया है। समिति के पहले बैठक में ही लाखों की भीड़ जुटी और उस भीड़ को विदेशों से भी संबोधित किया गया। साथ ही होटवार जेल से संबोधित करते हुए चाराहारी चाचा ने कहा कि जब सख्त कानून के वजह से शराबबंदी का कानून गलत है तो फिर घोटाले के प्रति भी सख्त कानून नहीं होना चाहिए। भला बताइए चारा घोटाले का आदमी से क्या सरोकार है।
पशुओं के चारा की वजह से इस उम्र में एक आदमी को दूरगैंजन हो रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि देश की जनता उनके साथ है। उधर नीरव और माल्या ने भी घोटाले के सख्त कानून को बंद करने की मांग की है।
इस सब को देखते हुए आतंकवाद को जिहाद मानने वाले संगठनों ने भी बैठक करके आतंकवादियों से रहम की अपील की है। सभी ने कहा कि जब फांसी की सजा तक की सख्त कानून होने पर भी आतंकवाद नहीं रुक रहा तब इस कानून को खत्म कर देने में ही देश और दुनिया की भलाई है।
यह सब देखकर हमारे भैयाजी की हंसी रुक ही नहीं रही है। भैया जी ने भी बिहार में अपना संगठन खड़ा कर लिया है। "शराब पिलाओ बिहार बचाओ संघर्ष समिति"। भैया जी को भरपूर समर्थन मिला है। बैठक में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए भैया जी ने ऐलान किया कि इस छतिस कुमार की सरकार को इस बार गिरा कर ही दम लेंगे। जो पिला नहीं सकती वह सरकार किस काम की। भैया जी ने शराब की महिमा गान करते हुए कहा कि शराबबंदी की वजह से नागिन डांस जैसे अनुपम और उत्कृष्ट नृत्य विलुप्ति के कगार पर पहुंच गया है। भैया जी ने अपना दर्द बताते हुए कहा कि पहले जब वह घर जाते थे तो बीवी उनसे डरती थी। अब उल्टा हो गया है। शराब नहीं पीने की वजह से उनको बीवी से डरना पड़ता है। भला बताइए यह भी कोई जीवन हुआ।
उधर भैया जी के संगठन की बढ़ती ताकत को देखते हुए होटवार जेल से पत्र जारी कर इनको आश्वस्त किया गया कि उनकी सरकार बनते ही शराब पिलाओ बिहार बचाओ आंदोलन को भरपूर समर्थन दिया जाएगा और "घर घर शराब का नल योजना" चला कर घर घर शराब पहुंचाई जाएगी।
साथ ही साथ घर घर शराब चुलाने के लिए अनुदान भी दिया जाएगा। इस योजना से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा और "राष्ट्रीय पकौड़ा बनाओ रोजगार योजना" से यह करोड़ गुना बेहतर साबित होगा और इसमें लागत से हजार गुना अधिक आमदनी होगी।
विधायक जी को विकास राशि में "शराब पिलाओ बिहार बचाओ" का अंशदान अलग से दिया जाएगा और शराब पीने वाले साहसी महापुरुषों को प्रत्येक माह इस नेक काम के लिए मुआवजा भी दिया जाएगा।
शराब पीकर बीमार होने वालों के इलाज को लेकर "शराबी हॉस्पिटल" खोला जाएगा। साथ ही साथ शराब पीने से किडनी और लीवर खराब होने पर उसके ट्रांसप्लांट की मुफ्त योजना होगी और इस योजना का नाम "पियक्कड़ किडनी ट्रांसप्लांट" योजना रखा जाएगा।
अंदर की खबर भी सुनिये, एक्सकुलुसिव। केवल 25*7 फक्कड़ चैनल पे।
सम्मेलन खत्म कर भैया जी जैसे ही घर पहुंचे भौजी ने झाडू, बेलन और हड़िया से उनका स्वागत किया। संघर्ष जारी है.. देखिए आगे क्या होता है। उधर झाड़ू खाने के बाद उसे पचाने के लिए भैया जी के कॉल लगाया "एगो औ लेके आ मर्दे...नींदे नै आ रहलो हें।
(कार्टून मैंने ही बनाया है, कसम से। बस कट, कॉपी, पेस्ट करके..)

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