आस्था का प्रतीक है तेउस का सुर्यमन्दिर
छठ को लोक आस्था का पर्व कहा जाता है और ऐसा कुछ देखने को भी मिलता है। लोक आस्था का महान पर्व छठ शेखपुरा जिले में सूखे की मार को झेल रहा है और कई तालाब जहां छठवर्ती माताऐं अध्र्य देती आज सूखा है पर श्रद्धालूओं का हौसला इससे भी कम नहीं हुआ। एक तरफ जहां लोग सभी काम को लेकर सरकारी अमलों को कोसते है पर वहीं बरबीघा प्रखण्ड कें तेउस गांव स्थित सुर्य मन्दिर और साई मन्दिर परिसर स्थित तालाब में लाबालब पानी भरा हुआ है और घाटों की सफाई देखते बनती है पर ऐसा कुछ प्रशासनिक पहल से नहीं बल्कि जनआस्था और जनसहयोग से हुआ। जनसहयोग से ही इस पूरे मन्दिर और तालाब के घाटों का निर्माण किया गया है और ग्रामीण वातावरण की सौम्यता और रमणीय शान्ति लोगों के श्रद्धा का केन्द्र बन गया और दूर दूर से छठवर्ती यहां आकर भगवान भाष्कार की आराधना करते है।
इस मन्दिर के सम्बंध में ग्रामीणों की माने तो पूर्व मुखीया महेन्द्र नारायण सिंह को इसकी प्रेरणा मिली थी और उन्होने इसकी योजना भी बनाई पर उनके देहावशान के बाद अमेरिका में रह रहे उनके पुत्र ने इस मन्दिर की आराधशीला रखी और ग्रामीणों के सहयोग से आज यह एक रमणीक स्थल बन चुका है।
सुखे की मार की वजह से कई तालाबों में बोरिंग से पानी भर जा रहा है और छठ घाट की सफाई की जा रही है पर तेउस के लोगों ने जनसहयोग से ऐसी व्यवस्था कर समाज कें लिए एक आदशZ पेश किया है।
अच्छी जानकारी............छठ पर्व की शुभकामनाएँ
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