14 नवंबर 2010

स्पेक्ट्र धोटाले को दबाने की साजीश है सुदशZन प्रकरण पर बबाल।

जब भी कांग्रेस घोटालों में फंसती है और उसे संसद में  जबाब देना होता है वह विवादास्पद मुददों को उठा कर जनता का ध्यान दुसरी दिशा में ले जाने की साजीश करती है।
कांग्रेस पर भी हमला होगा यह बात उसे तभी समझ लेनी चाहिए थी जब कांग्रेस के द्वारा हिन्दु आतंकबाद जैसे शब्द गढ़े गए और कांग्रेस जिसे युवराज के रूप में थोप रही है उसने सिम्मी और संध को एक कठधरे में खड़ा कर समुचे देश को झकझोर दिया और लोग स्तब्ध हो गए आखिर मुस्लिम तुष्टीकरण नीति को लेकर कांग्रेस किस सीमा तक जाएगी।

 यह सब राजनीति है और देश के लोगों का ध्यान असल मुददों से भटकाने की एक साजीश। बात जब गाली देने की हो तो उसके लिए सब को आजादी है पर यह आजादी देश की कीमत पर हो यह खतरनाक है। कांग्रेसनीत सरकार और उसके मुखीया सोनीया गांधी के सम्बंध में जो कुछ भी संध के पुर्व प्रमुख सुदशZन ने कहा है वह सच न भी तब भी कहीं धुंआं तो है। कहते है कि बिना आग का धुंआं नहीं होता तब सुदशZन का यह बोलना कि सोनीया गांधी सीआइए का एजेंट है हंगामा बरपा रहा है। कांग्रेस के लोग सड़कों पर उतर आए है लगा जैसे देश पर विदेशी हमला हो गया हो पर 1.76 लाख करोड़ के स्पेक्ट्रम घोटाले पर से ध्यान हटाने की यह कांग्रेसी साजीश समझनी होगी। सोनीया गांधी के बारे जनता पार्टी के प्रमुख सुब्रमन्नयम स्वामी सालों से इस तरह कें आरोप लगा रहे है और इसको लेकर अदालत का दरबाजा भी खटखटाया पर उनकी आवाज गुम हो गई पर उनकी बेब साइट पर जो जानकारी है वह यदि सच है तो इस देश के बंटाधार होने से कोई नहीं बचा सकता है।

कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी जब कहते है कि सिम्मी और संध एक है तब भी कांग्रेस की यह साजीश समझनी होगी। जब कांग्रेस की ओर से हिन्दु आतंकबाद जैसे शब्द गढ़े जाते है तब भी कांग्रेस की इस साजीश को समझनी होगी। कई धोटालों में फंसी कांग्रेस की सरकार बेशर्मी से यह कहती है कि घोटाला नहीं हुआ जबकि कैग के रिर्पोट में यह बात आती है और इसकें बाद सरकार जाने का भय साफ साफ दिखता है। जब बात सरकार के गिरने की आ जाए तब भला देश को बचाने के लिए कौन सोंचेगा। डी राजा या फिर सुरेश कलमाड़ी महज एक मोहरा है और उसके पीछे कांग्रेस की सरकार की मंशा साफ झलकती है। डी राजा प्रकरण में प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह की चुप्पी बेचैन करने वाली है। कुछ भी प्रधानमन्त्री को कोई कठपुतली कह दे पर उनके उपर भ्रष्टाचार कें आरोप नही लगे तब फिर स्पेक्ट्रम घोटाले में उनकी चुप्पी उनकी बेवसी है या कुछ और यह तो वही जाने पर जब भाजपा के लोग आरोप लगाते है कि इस घोटाले में प्रधानमन्त्री से लेकर कांग्रेस प्रमुख तक हाथ है इसपर स्वाभाविक रूप से जनता के बीच सवाल चला जाता है कि जब 1.75 लाख कारोड़ के घोटाले की बात थी तब प्रधानमन्त्री क्यों कान में रूई देकर सो रहे थे। 

हां एक बात और संध भले ही धर्मिक भवना की राजनीति करती हो पर उसे कोई आतंकबादी संगठन नहीं कह सकता जबकि सिम्मी एक आतंकबादी संगठन है और इस बात को बुद्विजीवी लोग भी मानते है। संध ने हमेशा से देश सेवा की राजनीति की है और उसके रास्ते उनके अपने भी है पर कांग्रेस ने जिस हिन्दु आतंकवाद शब्द की नींब डाली है वह यदि सच हो गया तो भारत के किसी भी सरकार से सम्भाल पान मुिश्कल हो जाएगा। 

राजनीति अपनी जगह है और देश अपनी जगह। वह चाहे आर एस एस हो या कांग्रेस, उथली राजनीति मुददों को उछाल कर जनता का ध्यान भटकाने की यह राजनीति देश के लिए खतरनाक है।

एक बात और मैं साफ कर दूं की मैं कभी ही सम्प्रादायिकता का पैरोकार नहीं रहा और न रहूंगा पर दोगली धर्मनिरपेक्षता से मुझे घिन्न आती है और कुछ लोग धर्मनिरपेक्ष कहलाने के लिए देश के साथ खिलबाड़ करते है।

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