16 दिसंबर 2010

एक मां....





वमुिश्कल अपने मालिक से
आरजू-मिन्नत कर
जुटा पाई अपने बच्चे के लिए 
एक अदद कपड़ा।

मेले में बच्चे की जिदद ने
मां को बना दिया है निष्ठुर।

बच्चे की लाख जिद्द पर भी
नहीं खरीद सकी एक भी खिलौना।

देवी मां की हर प्रतिमा के आगे
हाथ जोड़ 
सालों से कर रही है प्रर्थना 
एक मां.....

4 टिप्‍पणियां:

  1. यही है गरीब मां की बेबसी। शुभकामनायें।

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  2. ... pahale mujhe lagaa ki kavitaa chhotee ho gai hai, kuchh kamee hai ... punah padhaa tab lagaa ... nahee theek hai ... bhaav poore spasht parilakshit ho rahe hain ... ek behatreen bhaavpoorn rachanaa !!!

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  3. ma to ma hoti hai. use to pura karna hai har chiz bachche ka. surnder rachna.

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  4. मन को सहज कर देने वाले भाव हैं आपके।

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