हर जगह रहते है।
आज ही तो
आइसक्रीम बेच रहे नन्हें चुहवा पर
चलाया था ``चंगुरा´´
गाल पर पंजे का निशान उग आये
कांंग्रेस पार्टी की सेम्बुल की तरह
बक्क!
आंखों में भर आया
``लाल लहू´´,
पर,
निरर्थक,
वाम आन्दोलनों की तरह।
कल ही रेलगाड़ी में भुंजा बेच रहे मल्हूआ पर
खाकी गिद्ध ने मारा झपट्टा,
बचने के प्रयास में आ गया वह पहिये के नीचे,
सैकड़ों हिस्सों में बंट गया मल्हूआ,
शाकाहारी गिद्धों के हिस्से आया एक एक टुकड़ा।
अब तो हर जगह दिखाई देते है गिद्ध,
कहीं भगवा,
तो
कहीं जेहादी बन कर
टांग देते है अपनी कथित धर्म की धोती खोलकर
अपने ही बहन-बेटी के माथे पर
और फिर नोच लेते है उसकी देह
भूखे गिद्धों की तरह।
गांव से लेकर शहर तक पाये जाते है
शाकाहारी गिद्ध...।
बहुत अच्छा अरुण भाई /
जवाब देंहटाएंपुलिस प्रशां में अभी सुधार आना बांकी है
... bhaavpoorn rachanaa !!!
जवाब देंहटाएंsundar prayas. asli giddho ki tarah ek din ye bhi lupt ho jayenge. bharosa rakhiye.
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