15 जनवरी 2011

मेरे देश में



मेरे देश में

पिज्जा
एम्बुलेंस से पहले पहूंचती
लूट के बाद पुलिस सजती

मेरे देश में
कार लोन पांच परसेंट पर
एडुकेशन लोन बारह पर मिलती

मेरे देश में
चावल बिकता चालीस रूपये
सिम है मुफ्त में मिलती

मेरे देश में
रही नहीं उम्मीद कहीं अब
चौथेखंभे  से लेकर न्याय तलक है बिकती
मेरे देश में.......


7 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर, सुन्दर, बिलकुल सही बात!
    मकर संक्रांति की शुभकामनायें!

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  2. देश की शर्मनाक व्यवस्था पर करारा व्यंग !

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  3. कविता अच्छी है!
    भगवान कुछ ऐसा कर दे कि पिज़ा की आहट से मरने वाला जी उठे...

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