किसने सोंचा था
‘‘केसरिया’’
आतंक के नाम से जाना जाएगा।
‘‘सादा’’
की सच्चाई गांधी जी के साथ जाएगा।
‘‘हरियाली’’
के देश में किसान भूख से मर जाएगा।
और
कफन लूट लूट कर स्वीस बैंक भर जाएगा।
किसने सोंचा था
लोकतंत्र में
गांधीजी की राह चलने वाला मारा जाएगा।
आज भी भगत सिंह फ़ांसी के फंदे पर चढ़ जाएगा।
किसने सोंचा था
भाई भाई का रक्त बहायेगा।
देश के सियाशतदां आतंकियों के साथ जाएगा।
अपने ही देश में तिरंगा पराया हो जाएगा।
और हमारा देश
शान से
आजादी का जश्न मनाएगा।
जय हिंद।
(चित्र- एम. एफ़. हुसैन)
Nice Poem.
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बिलकुल सही कहा अरुण भाई। शायद कभी फिर कोई भगत सिंह आये इनको सबक सिखाने जो देश को लूट रहे हैं।
जवाब देंहटाएंआपको गनतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ....
जवाब देंहटाएंhappy republic day , well said
जवाब देंहटाएंबहुत प्रेरणा देती हुई सुन्दर रचना ...
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाइयाँ !!
Happy Republic Day.........Jai HIND
सोचने पर विवश करती रचना...
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
एक समाचार" पुलिस ने झंडा फहराने वालों को गिरफ्तार किया "| हम आजाद होने का नाटक कब तक करते रहेंगे |
जवाब देंहटाएंसही कहा...
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस पर ढेरों शुभकामनायें
जय हिंद!
बहुत ही सटीक कविता की है!
जवाब देंहटाएंapne choti si kavita ke madhyam se pure bharatbars ki esthiti ka khaka likh dala. aapka prayas sarahniye hai. aasha karta hoon ki bhavishya mein bhi aap apni kalam ke madhyam se logon ko jagane ki koshish karte rahenge. dhanyabad......
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